जाति आधारित गणना पर पटना हाईकोर्ट द्वारा रोक हटाए जाने के बाद राज्य सरकार ने सभी जिलों के जिलाधिकारी को तत्काल कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है। मंगलवार को सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव मो. सोहैल ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किया।
इस निर्देश के अनुसार पटना हाईकोर्ट द्वारा जाति आधारित गणना के संबंध में दाखिल किए वादों की समेकित सुनवाई मंगलवार को की गई। बिहार जाति आधारित गणना, 2022 के विरुद्ध दायर सभी रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है। अत: सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 4 मई 2023 को उच्च न्यायालय, पटना के आदेश के आलोक में बिहार जाति आधारित गणना, 2022 को अंतरिम रूप से स्थगित रखने संबंधी आदेश वापस लेते हुए कार्य पुन: तत्काल आरंभ कराने की कार्रवाई की जाए। विभाग ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देने का भी निर्देश दिया है।
इसके पूर्व, मुख्य सचिव, बिहार आमिर सुबहानी ने सभी अधिकारियों को जातीय गणना के कार्य को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी विभागों के सचिवों, सभी प्रमंडलीय आयुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में जाति आधारित गणना को पुन: शुरू करने का निर्देश दिया।
विभागीय सूत्रों के अनुसार इस सर्वेक्षण के तहत शेष रह गए कार्यों को चिन्हित कर उसके लिए आवश्यक मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग के वरीय अधिकारी भी शामिल थे।
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