केके पाठक ने VC और Pro VC को भी नहीं बख्शा, किया वेतन बंद; क्या है पूरा मामला, जानें
बिहार शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक का एक्शन चरम पर है। वह विश्वविद्यालय के वीसी तक को नहीं छोड़ते। एक मामले में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, (BRABU) मुजफ्फरपुर के कुलपति प्रो. शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी और प्रति कुलपति प्रो. रवींद्र कमार का वेतन बंद कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने गुरुवार को वेतन बंद करने का आदेश जारी किया है। इसकी सूचना विभाग ने राजभवन को भी दे दी है।
विभाग के द्वारा पदाधिकारियों को समय समय पर कॉलेजों का निरीक्षण करने और लंबित परीक्षाओं का आयोजन करने का आयोजन तत्परता के साथ करने का निर्देश दिया गया था। इस काम में रुचि नहीं दिखाने का आरोप लगाते हुए विभाग ने यह कार्रवाई की है। साथ विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में गुरुवार को पूर्व निर्धारित बैठक में नहीं आने को लेकर भी यह कदम विभाग ने उठाया है। केके पाठक के पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार किसी कुलपति का वेतन बंद किया गया है।
गुरुवार को मगध विश्वविद्यालय के कुलपति समेत तमाम पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि कॉलेजों का नियमित रूप से निरीक्षण करें। लंबित परीक्षाएं शीघ्र आयोजित कर रिजल्ट का प्रकाशन सुनिश्चित करें। विभाग द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों की अलग-अलग बैठक कर समीक्षा की जा रही है। इन विंदुओं पर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति की और से लापरवाही बरती गई ऐसा आरोप लगाया गया है।
दरभंगा-गोपालगंज के डीपीओ पर भी कार्रवाई
समग्र शिक्षा बैंड में अच्छी प्रगति को नहीं देखते हुए दरभंगा और गोपालगंज के डीपीओ (समग्र शिक्षा)पर भी कार्रवाई की गई है। दोनों का वेतन बंद कर दिया गया है। बिहार राज्य शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक बी कार्तिकेय धनजी के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई है। शिक्षा में सुधार के लिए यह कदम उठाया गया है।
सीतामढ़ी और शिवहर के डीईओ-डीपीओ का वेतन बंद
शिक्षा विभाग ने कार्यों में लापरवाही और योजनाओं के क्रियान्वयन में धीमी प्रगति को लेकर सीतामढ़ी और शिवहर के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) समेत सभी डीपीओ और पीओ का वेतन बंद कर दिया है। इस सबंध में गुरुवार को विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। दोनों पदाधिकारियों के कार्यकलापों की जांच की जा रही है।