बिहार ट्रैफिक पुलिस में अब नहीं होंगे 35 साल से अधिक उम्र के सिपाही, जानिए यातायात व्यवस्था के नए फैसले
बिहार में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस की तरफ से लगातार प्रयासरत हैं। और इस कड़ी में यातायात पुलिस में कई बदलाव किए गए हैं। व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए अब नौजवानों पुलिस वालों को ट्रैफिक संभालने का जिम्मा दिया जाएगा। एडीजी यातायात सुधांशु कुमार ने बुधवार को बताया कि 12 जिलों में यातायात बल स्वीकृत है और शेष 28 जिलों में बल स्वीकृति का प्रस्ताव अंतिम चरण में है। स्वीकृति के बाद 4200 अतिरिक्त बल पूरे राज्य में उपलब्ध हो पाएंगे।
इसके साथ बिहार सरकार के 35% महिला आरक्षण के तहत 35% महिलाएं भी होंगी। इने पदाधिकारी और कर्मियों की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए एक पॉलिसि बनाई गई है। इसके तहत ट्रैफिक पुलिस के सिपाही की आयु सीमा अधिकतम 35 वर्ष, अवर निरीक्षक की 40 वर्ष और प्रोन्नति से आने वाले अन्य पदाधिकारी जैसे हवलदार और सहायक अवर निरीक्षक की अधिकतम आयु 55 साल तय की गई है।
एक जिले में 3 साल के लिए होगी पदस्थापना
इसके साथ ही यातायात बल में कार्यकाल भी निर्धारित किया गया जो न्यूनतम 3 वर्ष का होगा। इस अवधि में उनका अन्य जगहों पर पदस्थापन पुलिस अधीक्षकों द्वारा नहीं किया जाएगा। एक जिले में पदस्थापना के दौरान अधिकतम 3 वर्षों के लिए होगा। उस दौरान भी उनके दायित्व या कर्तव्य स्थल में फेर बदल किया जा सकेगा।इसके साथ ही एक तिहाई महिला का स्ट्रैंथ होना आवश्यक कर दिया गया है। जो कि राज्य सरकार के आरक्षण नीति के तहत होगा।
ट्रेनिंग भी दी जाएगी
यातायात के लिए चुने गए उक्त बल को 15 दिन की ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइवर ट्रेनिंग रिसर्च औरंगाबाद में परिवहन विभाग की सहायता से दी जाएगी। अब तक 12 जिलों के 500 पुलिस कर्मी और पदाधिकारी को प्रशिक्षित किया जा चुका है। जो अन्य कर्मी और पदाधिकारी हैं, उनको भी इस वर्ष के अंत तक प्रशिक्षित किए जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। इस प्रकार इन 12 जिलों में 15 नौजवान पुलिस उपाधीक्षकों की पदस्थापना की गई है।बिहार पुलिस अकादमी राजगीर में प्रशिक्षण के उपरांत हैदराबाद में भी ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था ताकि वहां की व्यवस्था समझ सके और यातायात को से बिहार में लागू किया जा सके।