जनता दल युनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल 2023 का समर्थन किया। हालांकि ललन सिंह ने अपने संबोधन में बीजेपी और मौजूदा सरकार पर खूब हमले किए। उन्होंने कहा कि हम इस बिल का समर्थन इसलिए करते हैं क्योंकि हमारा विश्वास महिला सशक्तिकरण में है। लेकिन सरकार जो बिल लेकर आई उसमें यह दिखता है कि इनकी मंशा लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण देना नहीं है। यह 26 पार्टियों का जो I.N.D.I.A गठंधन बना है यह उसका पैनिक रिएक्शन है। यह 2024 का सबसे बड़ा जुमला है। 2014 में इन्होंने देश के बेरोजगारों और गरीबों को छला, 2024 में ये लोग महिलाओं से छल करने जा रहे हैं। 2014 में गरीबों से कहा कि काला धन लाएंगे और सबके खाते में 15-20 लाख देंगे, जो छलावा निकला। इस बार महिलाओं को छलने जा रहे हैं।
अगर इनकी मंशा ठीक होती तो 2021 में जाति आधारित जनगणन शुरू करा देते। जाति आधारित जनगणना कराना इस देश की मांग है, इस सदन में भी मांग होती रही है, लेकिन इन्होंने नहीं कराया, क्येांकि इनकी मंशा नहीं है। गरीबों पिछड़ो और अति पिछड़ों के प्रति न्याय करने में आपका ना तो भरोसा है ना तो विश्वास है। अगर आपने जाति आधारित जनगणना कराया होता तो यह महिला आरक्षण बिल इस बार के चुनाव में लागू हो गया होता।
‘इंडिया गठबंधन बनने की घबराहट में लाया गया महिला आरक्षण बिल’
ललन सिंह ने कहा कि आपने इस बिल में 334ए का जो प्रावधान किया है वह अनिश्चितकाल तक चलता रहेगा। इस बीच आप 2024 के चुनाव में आप महिलाओं को छलने का काम करेंगे। लेकिन इस देश की महिलाएं जान गई हैं कि आप भारी जुमलेबाज हैं। बिहार पहला राज्य है जो 2005 में सरकार बनने के बाद 2006 में महिलाओं का पंचायत चुनावों में 50 फीसदी आरक्षण दिया। 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी तो 2016 में राज्य सरकार की तमाम नौकरियों में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण दिया। हमने आपकी तरह महिलाओं को इंतजार नहीं कराया है।
ललन सिंह ने कहा कि कल प्रधानमंत्री आंकड़े की बात कर रहे थे। मैं कहता हूं कि आपके पास 2019 से आंकड़ा था तो आपने यह काम क्यों नहीं किया। जब पटना, बेंगलुरु और मुंबई में मीटिंग हुई तो आपको घबराहट हो गई। उसी घबराहट में यह बिल लेकर आए हैं। एक करोड़ 30 महिलाओं को बिहार के गांवों में महिलाओं को सशक्त करने का काम किया गया है। इस सरकार को महिला सशक्तिकरण से कोई मतलब नहीं है, ये अपनी कुर्सी बचाने के लिए कोई भी जुमलाबाजी कर सकते हैं।
‘आप महिला सशक्तिकरण के विरोधी हैं’
ललन सिंह ने कहा कि आप आज सदन में ऐलान कीजिए कि जातीय जनगणन कराएंगे। आप नहीं करेंगे, क्योंकि आप आरक्षण और जातीय जनगणना के विरोधी हैं। 2015 को याद कीजिए, आपको गाइड करने वाली संस्था के संचालक ने क्या कहा था। मोहन भागवत जी ने कहा था कि आरक्षण पर पूर्नविचार होना चाहिए। मैं पूछता हूं कि आरक्षण क्या आपकी कृपा से है। क्या आप भारत सरकार चला रहे हैं। आरक्षण आपकी कृपा से नहीं, संविधान के प्रावधानों के तहत है।
ललन सिंह ने कहा कि इस आरक्षण बिल में पिछड़ो, अति पिछड़ो को आरक्षण दिया जाना चाहिए। इन वर्गों से आने वाली महिलाओं के लिए भी आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। हमने बिहार में करके दिखाया है। बिहार में पिछड़े और अति पिछड़े समाज से आने वाली महिलाओं को 20 फीसदी आरक्षण दिया है। पंचायती राज व्यवस्था और नगरीय चुनावों में बिहार ने एकल पथ पर आरक्षण दिया है।
ललन सिंह ने कहा कि जब बिहार सरकार ने जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला लिया तो केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में उसके विरोध में खड़ी हो गई। यह इनका चेहरा है। ये बात करते हैं नारी शक्ति वंदन की। अरे आप अपना और अपनी कुर्सी बचाने का वंदन कर रहे हैं। आप वादा करते हैं। 2014 के वादे पर आपके गृहमंत्री ने उसे जुमला बताते हैं। यही आपका चरित्र और आपकी मंशा है। 2024 में आपको सत्ता से मुक्त होने का भय सता रहा है।
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