बिहार कैबिनेट की बैठक: समस्तीपुर में लगेगा सीमेंट कारखाना, IGIMS में दवा और ईलाज होगा मुफ्त
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नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्य सचिवालय में चल रही बिहार कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक खत्म हो गई है. कैबिनेट की बैठक में कुल 9 एजेंडों पर मुहर लगी है. नीतीश कैबिनेट ने राजस्व एवं भूमि सुधार, उद्योग विभाग, संसदीय कार्य विभाग, गृह विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े 9 प्रस्तावों पर अपनी स्वीकृति दे दी है. आज जिन प्रस्तावों को कैबिनेट की मुहर लगी उनमें समस्तीपुर में सीमेंट कारखाना लगाने और पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में आम लोगों के ईलाज और दवा मुफ्त उपलब्ध कराने का प्रस्ताव महत्वपूर्ण है.
25 हजार मरीजों को लाभ होगा :
राज्य के सरकारी अस्पतालों की तरह अब इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस),पटना में इलाज करानेवाले सभी मरीजों को मुफ्त में दवाएं मिलेंगी. साथ ही सभी मरीजों की मुफ्त में जांच और ऑपरेशन की सुविधा भी मिलेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव के साथ कुल 10 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गयी है. राज्य सरकार के इस निर्णय से ओपीडी में इलाज करानेवाले औसतन 10 हजार मरीज और भर्ती होकर इलाज करानेवाले औसतन 20-25 हजार मरीजों को लाभ होगा. साथ ही ऑपरेशन करानेवाले मरीजों को भी मुफ्त सेवा का लाभ मिलेगा.
सिर्फ रजिस्ट्रेशन फीस और प्राइवेट वार्ड का शुल्क अदा करना होगा :
कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि सरकार ने आइजीआइएमएस में इलाज करानेवाले मरीजों को दवा,जांच और ऑपरेशन पर करीब 60 करोड़ सालाना खर्च होगा. अब इस संस्थान को बिहार चिकित्सा सेवा एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड के माध्यम से दवा और चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति की जायेगी. उन्होंने बताया कि आइजीआइएमएस में सिर्फ रजिस्ट्रेशन फीस और प्राइवेट वार्ड या डीलक्स वार्ड में भर्ती मरीजों को बेड का चार्ज और अन्य शुल्क लगेगा. अधिसूचना जारी होने के साथ ही इसका लाभ सभी मरीजों को मिलने लगेगा.
अल्पसंख्यक युवाओं को भी मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का मिलेगा लाभ :
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सरकार ने मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना को स्वीकृति दी है. इस योजना से हर साल अल्पसंख्यक वर्ग के लाभार्थियों का लक्ष्य निर्धारण अल्पसंख्यक कल्याण विभाग करेगा. योजना की राशि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को दी जायेगी. इस योजना के तहत लाभुक को कुल प्रोजेक्ट की प्रति इकाई पर अधिकतम 10 लाख दिया जायेगा. इसमें पांच लाख रुपये कर्ज के रूप में और पांच लाख अनुदान के रूप में मिलेगा. योजना का लाभ सिर्फ नये उद्योगों को लगाने के लिए मिलेगा. अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाएं अपनी इच्छा अनुसार मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना या मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना में से किसी एक योजना में ही आवेदन करने की पात्र होंगी.
अब सभी जिलों में ट्रैफिक थाना :
राज्य सरकार ने यातायात नियंत्रण के लिए राज्य के सभी 40 जिलों में ट्रैफिक थानों की स्वीकृति दे दी है. पूर्व में 12 जिलों में ट्रैफिक थानों की स्वीकृति मिल चुकी है. शेष 28 जिलों में सरकार ने नये थानों की स्वीकृति दे दी. जनसंख्या के अनुपात में 4215 पदों के सृजन की पहले ही स्वीकृति मिल गयी थी. साथ ही पूर्व से सृजित किये गये 3366 पदों पर सीधी नियुक्ति की भी मंजूरी मिल गयी थी. अब कैबिनेट ने इन पदों के अतिरिक्त 849 पदों के सृजन की स्वीकृति दे दी है. कैबिनेट ने पटना जिले में पहले से काम कर रहे तीन थानों गांधी मैदान ट्रैफिक थाना, बाइपास ट्रैफिक थाना और सगुना मोड़ ट्रैफिक थाना के क्षेत्राधिकार को फिर से निर्धारण किया है.
साथ ही गया जिले में पहले से काम करनेवाले गया ट्रैफिक थाना और बोधगया ट्रैफिक थाने के क्षेत्राधिकार का भी फिर से निर्धारण किया गया है. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि राज्य के नगर निगम क्षेत्रों के थानों का भी क्षेत्राधिकार निर्धारित कर दिया गया है. इसमें भागलपुर नगर निगम में पहले से ट्रैफिक थाना है और शेष नौ नगर निगम क्षेत्र मुजफ्फरपुर, बिहारशरीफ, दरभंगा, पूर्णिया, आरा, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर और छपरा ट्रैफिक थाना का कार्यक्षेत्र संपूर्ण जिला कर दिया गया है.
इन जिलों में नये ट्रैफिक थाना :
जिन 28 जिलों में नये ट्रैफिक थानों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है उनमें किशनगंज, नवादा, सीवान, बक्सर, मधुबनी, जहानाबाद, भभुआ, सुपौल, सहरसा, जमुई, रोहतास, बेतिया, वैशाली, औरंगाबाद, इररिया, गोपालगंज, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, लखीसराय, बांका, खगड़िया, मोतिहारी, मधेपुरा, अरवल, शिवहर, बगहा, शेखपुरा और नवगछिया शामिल हैं.