बिहार के 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा? नीतीश सरकार दशहरा से पहले दे सकती है तोहफा
बिहार के नियोजित शिक्षकों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई है कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को नीतीश सरकार जल्द राज्यकर्मी का दर्जा देकर बड़ा तोहफा दे सकती है। और इसकी घोषणा अक्टूबर महीने में दशहरा से पहले हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो बिहार के करीब 4 लाख से ज्यादा शिक्षकों को फायदा होगा। हालांकि अभी तक ये तय नहीं हो सका है। कि बीपीएससी की परीक्षा लेने के बाद राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा, या फिर बिना परीक्षा लिए इस पर भी सितंबर महीने के अंत तक फैसला हो जाएगा।
आपको बता दें बीते कई महीनों से बिहार के नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी की मागं को लेकर धरना प्रदर्शन करते आए हैं। इस मामले पर सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक नया सिस्टम तैयार करने का टास्क दिया था। जो उन्होने पूरा कर लिया है। अब कैबिनेट बैठक में इस फैसले पर मुहर लगने की देरी है।
वहीं राज्यकर्मी का दर्जा पाने वाले नियोजित शिक्षकों को भी बीपीएससी के शिक्षकों के बराबर वेतन मिलेगा। हालांकि पहले नियोजित शिक्षकों ने बीपीएससी भर्ती का विरोध किया था। और बताया जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार खुद चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाए। इसके बजट को लेकर भी चर्चा पूरी हो गई है।
आपको बता दें अगस्त महीने में नियोजित शिक्षकों की इस मांग को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने महागठबंधन के नेताओं के साथ बैठक की थी। जिसमें शामिल नेता ने कहा कि बिना किसी स्क्रीनिंग के सभी नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देना संभव नहीं होगा। जबकि वाम दलों के नेताओं ने जोर देकर कहा कि सभी कार्यरत शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने में कोई बड़ा वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। जिस पर सीएम नीतीश ने गौर करने की बात कही थी। लेकिन ये भी कहा था कि भूसी से गेहूं निकालने के लिए स्क्रीनिंग होनी चाहिए। वहीं बीपीएससी के जरिए से 1.70 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है।