सीएम उद्यमी योजना के फंड का दुरुपयोग करने पर होगा केस, 12 लाभार्थियों पर कसा शिकंजा, वसूली जाएगी रकम
बिहार में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लाभार्थियों को मिलने वाली 10 लाख तक की राशि का दुरुपयोग करने पर अब केस दर्ज होगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बिहार उद्योग विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी संदीप पुंडरीक ने ट्वीट कर ये जानकारी साझा की है। दरअसल बीते हफ्ते में राज्य के बेगूसराय, गया और दरभंगा जिले में जांच के दौरान ये पता चला है कि 12 लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत मिली राशि का दुरुपयोग किया है। जिनसे अब रकम की वसूली होगी, और केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की जाएगी।
बिहार उद्योग विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी संदीप पुंडरीक ने ट्वीट कर कहा कि पिछले सप्ताह बेगूसराय, गया और दरभंगा जिलो में मुख्यालय जां दल द्वारा जाँच के दौरान बारह लाभार्थियों द्वारा दी गई राशि का दुरुपयोग पाया गया। इन लोगों पर राशि की वसूली और केस दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। अन्य जिलो में भी जांच जारी है।
पिछले सप्ताह बेगूसराय, गया और दरभंगा जिलो में मुख्यालय जाँच दल द्वारा जाँच के दौरान बारह लाभार्थियों द्वारा दी गई राशि का दुरुपयोग पाया गया। इन लोगो पर राशि की वसूली और केस दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। अन्य जिलो में जाँच जारी है। pic.twitter.com/ZMbc8itFcU
— Sandeep Poundrik (@SandeepPoundrik) September 17, 2023
आपको बता दें मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के जरिए हर साल 8 हजार लोगों को उद्यमी बनने का मौका मिलता है। राज्य सरकार राज्य के सभी वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार के लिए 10 लाख तक राशि देती है। पिछले साल दो लाख से ज्यादा आवेदकों में से 8 हजार युवाओं को यह राशि मिली। इस साल 30 सितंबर तक आवेदन की तिथि तय की गई है। उद्योग विभाग की वेबसाइट के जरिए आवेदन किए जाएंगे। 18 से 50 वर्ष आयु वर्ग के व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं। न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट या समकक्ष रखी गई है। आवेदक जिस जिले में इकाई लगाना चाहते हैं, वहां का स्थायी निवास प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है। एक व्यक्ति अपने आधार नंबर के जरिए किसी एक वर्ग में ही आवेदन कर सकते हैं। एक बार आवेदन के बाद संशोधित करने का मौका नहीं मिलेगा।
राज्य सरकार युवाओं और महिलाओं को नए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण देती है। इसमें चयनित लाभुकों को प्रशिक्षण के लिए 25000 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जाती है। इस दस लाख रुपये की राशि में पांच लाख रुपये अनुदान के रूप में दिए जाते हैं, पांच लाख रुपये ब्याज मुक्त ऋण के रूप में होता है। इसे सात वर्षों में चुकाना है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत केवल नए उद्योगों की स्थापना के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी।