जेडीयू में सीट पर घमासान; बरबीघा विधायक ने मंत्री अशोक चौधरी को सुनाई खरी-खोटी, लगाए ये आरोप
क्या नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में आतंरिक कलह मची हुआ है। क्योंकि जिस तरह अब बरबीघा विधायक सुदर्शन ने जदयू कोटे के मंत्री अशोक चौधरी को खरी-खोटी सुनाई है। उससे तो यही लगता है। बीते कुछ दिनों पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और मंत्री अशोक चौधरी की सीएम नीतीश के सामने ही खटपट हो गई थी। और फिर ललन सिंह ने उन्हें बार-बार बरबीघा न जाने की सलाह दे डाली थी। और स्थानीय राजनीति में दखलअंदाजी नहीं करने को कहा था।
लेकिन अब बरबीघा के जदयू विधायक सुदर्शन अशोक चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होने कहा कि अशोक चौधरी अपने दामाद को बीजेपी से चुनाव लड़वाना चाहते हैं, इसीलिए बरबीघा में इतनी सक्रियता दिखा रहे हैं। सुदर्शन ने कहा कि रिजर्व सीट भी आप लड़िएगा, जनरल सीट भी आप लड़िएगा, तो हम लोग कहां जाएं। गया चले जाएं, उनकी सीट से जाकर लड़ें। हमारे लिए जगह छोड़िएगा।
सुदर्शन ने आरोप लगाया कि मंत्री अशोक चौधरी अपने दामाद के लिए प्लेटफॉर्म तैयार कर रहे है। वो बीजेपी से उन्हें चुनाव लड़वाना चाहते हैं। क्योंकि जेडीयू से वो मंत्री हैं। इसलिए खुलकर मंच पर ये थोड़े ही कह सकते हैं। कि अपने दामाद को बीजेपी से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। सुदर्शन ने कहा कि अशोक चौधरी बीते 10 साल से बरबीघा से कटे हुए थे। लेकिन अब अपने दामाद को भाजपा के टिकट पर बरबीघा से चुनाव लड़वाने की तैयारी में जुटे हैं। यही वजह है कि बरबीघा में उसकी सक्रियता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी बरबीघा में जदयू के खिलाफ काम कर रहे हैं। जिसके बारे में उन्होने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को भी अवगत कराया था। बावजूद इसके अशोक चौधरी बरबीघा में सक्रिय हैं।
वहीं दूसरी तरफ अशोक चौधरी ने विधायक सुदर्शन के आरोपों को निराधार बताते हुए करहा कि उन्हें राजनीतिक तौर पर कुछ लोग भ्रमित कर रहे हैं।सुदर्शन को मैं राजनीति में आगे लाया उसके साथ ऐसा क्यों करूंगा। वहीं दामाद को बरबीघा से चुनाव लड़ाने की चर्चा पर उन्होने कहा कि वो किशोर कुणाल के बेटे हैं। यह उन्हें तय करना है कि वो अपने बेटे को चुनाव लड़ाएंगे या नहीं। अपने बेटे को चुनाव लड़ाने और जिताने में वो मुझसे काफी सक्षम हैं।
आपको बता दें पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह के मना करने बावजूद शुक्रवार को वो शेखपुरा दौरे पर पहुंचे। जहां उन्होने बरबीघा में अपने कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की और वीडियो भी शेयर किए। साथ ही लिखा कि बरबीघा हमारी कर्मभूमि है, जब तक बांसघाट (श्मशान) नहीं पहुंचते क्षेत्र और क्षेत्रवासियों की सेवा करते रहेंगे। उन्होंने जय बरबीघा और जय बिहार भी लिखा। जिसके बाद से बरबीघा में उनकी बढ़ती एक्टिविटी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। और अब बरबीघा विधायक ने भी मोर्चा खोल दिया है। ऐसे में देखना होगा कि जदयू में बरबीघा को लेकर मचे घमासान को ललन सिंह और नीतीश कुमार कैसे हैंडिल करते हैं।