केंद्र सरकार के पक्ष में खड़े हुए उपेंद्र कुशवाहा:’एक देश एक चुनाव’ का किया समर्थन, कहा-पैसों की बर्बादी और समय बचेगा
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा केंद्र सरकार के पक्ष में खड़े हो गए हैं। शुक्रवार को पटना में उन्होंने केंद्र सरकार के ‘एक देश एक चुनाव’ का समर्थन किया है। अपने बयान में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इन प्रिसिंपल यह बात ठीक है। क्योंकि, देश में अक्सर किसी न किसी राज्य में चुनाव होता ही रहता है। इससे नुकसान होता है। लोगों का काम बाधित होता है। खर्च ज्यादा हो जाता है।
अगर एक तरह से ‘एक देश एक चुनाव’ की बात होती है तो इससे पैसों की बर्बादी बचेगी। लोगों का समय भी बचेगा। आचार संहिता लगते ही प्रशासन के जो लोग चुनाव कराने में शामिल होते हैं, उनका भी समय बचेगा। इसका असर देश के डेवलपमेंट पर पड़ेगा। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि व्यावहारिक और कानूनी दृष्टि से कितना हो पाएगा या नहीं, ये मुझे नहीं पता। इसके तकनीकी पेंच के बारे में कोई बात हम नहीं कहेंगे पर ‘एक देश एक चुनाव’ की प्लानिंग सही है और ये होना चाहिए।
विशेष सत्र के बारे में नहीं पता
केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस सत्र में क्या होगा? क्या केंद्र सरकार ‘एक देश एक चुनाव’ के मामले में कोई बिल ला रही है? इस पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है? इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी NDA का अंग है। इस कारण वो खुलकर ‘एक देश एक चुनाव’ पर केंद्र सरकार की प्लानिंग और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में बनाई गई कमेटी का समर्थन कर रहे हैं।
नीतीश पहले से करते रहे हैं समर्थन
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जब नीतीश कुमार NDA का हिस्सा थे तो वो ‘एक देश एक चुनाव’ का पहले से समर्थन करते रहे हैं। अब वो NDA के पार्ट नहीं है। अब वो अपना स्टैंड बदल रहे हैं तो इसका क्या मतलब है? फिर भी जब देशहित में केंद्र सरकार कोई अच्छा फैसला ले रही है तो उन्हें उसका समर्थन करना चाहिए।
मगर, अपने राजनीतिक फायदे के लिए वो इसके विरोध में बोल रहे हैं। जो कहीं से सही नहीं है। जहां तक बात विपक्ष के इंडिया की है तो उसका कोई फायदा उन्हें नहीं मिलने जा रहा है। ये लोग सिर्फ नकारात्मक राजनीति करते हैं। सिर्फ नरेंद्र मोदी को हटाना है, इसी एजेंडे के तहत ये लोग इकट्ठा हो रहे हैं।