ठाकुर विवाद में अब बिहार को बांटने की मांग, अलग राजपूताना राज्य के लगे पोस्टर, समस्तीपुर समेत 7 जिलों को किया शामिल
“संसद में राजदंड, देश में राजपूताना रेजिमेन्ट तो अलग राजपूताना राज्य क्यों नहीं?” बिहार में ठाकुर विवाद के बीच यह मांग उठ रही है. बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव होने का दावा कर रहे सिद्धार्थ क्षत्रिय की तस्वीरों के साथ एक पोस्टर वायरल है. उन्होंने मांग रखी है, “हमें चाहिए अलग राजपूताना राज्य.” राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा के संसद में ‘ठाकुर’ कविता सुनाने के बाद यह पूरा विवाद हो रहा है. राज्य के सात जिलों को तोड़कर अलग “राजपूताना” राज्य बनाने की मांग की जा रही है.
सिद्धार्थ क्षत्रिय ‘गैर राजनीतिक मंच – अलग राजपूताना राज्य संघर्ष समिति’ से जुड़े हैं. उन्होंने पोस्टर के जरिए ठाकुर के लिए सामाजिक न्याय की मांग उठाई है. कहते हैं कि वीपी सिंह ने पिछड़ों को आरक्षण दे दिया, अर्जुन सिंह ने पिछड़ों को उच्च शिक्षा में 27 फीसदी आरक्षण दिया और चंद्रशेखर ने पिछड़ी जाति के समाजवादी नेताओं को मुख्यधारा में ले आए. अब उन्होंने खुली बहस की चुनौती दी है.
समस्तीपुर समेत बिहार के इन सात जिलों को तोड़ने की बात
पोस्टर में क्षत्रिय ने ठाकुर के इतिहास को राजा हरिशचन्द्र, दानवीर कर्ण, पुरुषोत्तम राम, वीर कुंवर सिंह के साथ जोड़ा है और बिहार के सात जिले औरंगाबाद, रोहतास, भोजपुर, सारण, वैशाली, समस्तीपुर और सहरसा को बिहार से तोड़कर एक अलग राजपूताना राज्य बनाने की मांग की. पोस्टर में राज्य के मैप पर इन जिलों को बाजाब्ता घेरा बनाकर दर्शाया भी गया है. पोस्टर में राजद सांसद मनोज झा की तस्वीर पर ‘रेड क्रॉस’ भी देखा जा सकता है, जहां दूसरे साइड पर महाराणा प्रताप की तस्वीर लगाई गई है.
मनोज झा के ठाकुर कविता पर बिहार में बवाल
मनोज झा ने संसद में ‘ठाकुर’ पर एक एक कविता सुनाई थी. इसके बाद से बिहार में बवाल मचा है. राष्ट्रीय जनता दल के कुछ नेता भी उनकी कविता का विरोध कर रहे हैं. पार्टी सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को यहां तक कहना पड़ा कि उन्हें ‘जाति’ से कोई मतलब नहीं है और वह जिस ठाकुर को मानते हैं वह वृंदावन में हैं. इनके अलावा राजद सांसद के “गर्दन काटने, जुबान काटने” जैसी विवादित बयानबाजी हो रही है. जनता दल यूनाइटेड का इस मुद्दे पर मिला जुला रुख नजर आ रहा है, जहां पार्टी के नेता आए दिन अपने बयानों से विवाद खड़ा करते हैं.