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बिहार सिपाही बहाली परीक्षा के पेपर लीक मामले में अबतक 150 गिरफ्तार, पुलिस जवान, प्रिंसिपल व कोचिंग संचालक तक की मिली भूमिका…

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बिहार सिपाही बहाली परीक्षा में धांधली की जब बात सामने आयी तो केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने 21391 सिपाही के पदों पर बहाली को लेकर एक अक्टूबर (रविवार) को हुई दोनों पालियों की लिखित परीक्षा को रद्द कर दिया. वहीं बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में धांधली मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. मामले की जांच अब आर्थिक अपराध इकाई (EOU ) के जिम्मे है और अबतक 70 से अधिक केस इस मामले में दर्ज किए जा चुके हैं. सिपाही बहाली परीक्षा के तार एक के बाद एक करके समस्तीपुर समेत कई जिलों से जुड़े मिल रहे हैं.

वहीं इसे लेकर कई हैरान करने वाले खुलासे रोज हो रहे हैं. इस परीक्षा में धांधली कराने में प्रिंसिपल से लेकर पुलिस के जवान तक की भूमिका सामने आयी है. कई जगहों पर कोचिंग के संचालकों ने भी यह काम किया. सॉल्वर गिरोह का सरगना पकड़ा जा चुका है. वहीं इस धांधली के तार अन्य राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं, इसकी आशंका पुलिस जता रही है. सिपाही बहाली परीक्षा में धांधली मामले में अबतक करीब 150 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. भभुआ में प्रिंसिपल के बाद अब नालंदा क्यूआरटी में तैनात पुलिस के एक जवान को भी गिरफ्तार किया गया है जो अपने रिश्तेदार को आंसर भेजने का आरोपित है.

परीक्षा से पहले ही लीक हो गया पेपर..

बिहार सिपाही बहाली परीक्षा के प्रश्नपत्र का आंसर परीक्षा शुरू होने से पहले ही अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन पर पहुंच गया था. परीक्षा माफियाओं ने इसबार अलग तैयारी की थी और प्रश्नों को सॉल्व करके आंसर ही अभ्यर्थियों को भेजे. पटना में जब पुलिस ने आधा दर्जन अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया तो कई बड़े खुलासे हुए. परीक्षा शुरू होने के पहले ही आंसर इन अभ्यर्थियों को मिल चुके थे. परीक्षा के दौरान कई सेंटरों पर काफी संख्या में आंसर शीट की नकल करते हुए अभ्यर्थियों को पकड़ा गया. ऐसा माना गया कि किसी गिरोह ने सुनियोजित तरीके से पेपर लीक करने के बाद अभ्यर्थियों को आंसर मुहैया कराए.

इओयू ने जब जांच शुरू की तो इसमें वित्तीय लेन-देन के सबूत भी मिले. इओयू ने साफ किया है कि प्रश्न-पत्र लीक हो चुका था. नवादा और पटना से मिले सबूतों से यह साफ हो चुका था कि प्रश्नों को सॉल्व करके पहले ही अभ्यर्थियों को आंसर बेचा गया था. जांच में अब यह पता किया जा रहा है कि आंसर सबसे पहले किसके मोबाइल से साझा किया गया. वहीं किन-किन लोगों को यह मिला.

कोचिंग संचालक भी खेल में शामिल..

बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में धांधली कराने के आरोप में भभुआ से प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. कैमूर में भूपेश गुप्त इंटर कॉलेज के प्राचार्य व केंद्र अधीक्षक संजय कुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया था. इंटर कॉलेज के प्राचार्य संजय कुमार नकल करने वाले गिरोह के साथ मिलकर सिपाही भर्ती परीक्षा में नकल करवा रहे थे. जब उनका मोबाइल चेक किया गया तो तीन परीक्षार्थियों का एडमिट कार्ड उसमें पाया गया. भभुआ में परीक्षा केंद्र के पास से पकड़े गये एक व्यक्ति ने मोहनिया थाना क्षेत्र के भुंडी टेकारी गांव के रहने वाले कोचिंग संचालक कमलेश कुमार के बारे में बड़ा खुलासा किया था और पुलिस को बताया कि उक्त कोचिंग संचालक ने पैसे लेकर आंसर उपलब्ध कराया है.

कॉलेज के प्रिंसिपल व पुलिस जवान तक खेल का हिस्सा..

सिपाही बहाली की परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक मामले का तार पुलिस महकमे से भी जुड़ चुका है. नालंदा पुलिस की क्यूआरटी में जवान कमलेश कुमार को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया. अपने बहनोई व दुल्हिनबाजार निवासी मनु उर्फ मोनू और छह-सात दूसरे लोगों को उसने वाट्सएप पर आंसर भेजा था. बता दें कि पटना पुलिस इस मामले में लगातार गिरफ्तारी कर रही है. वहीं लखीसराय में कदाचार कराने के सॉल्वर गैंग से जुड़े 13 लोगों को रविवार को परीक्षा के ही दिन गिरफ्तार किया गया था.

इसके बाद मंगलवार की देर शाम सूर्यगढ़ा थाना क्षेत्र के जकड़पुरा से सॉल्वर गैंग के प्रमुख सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की.लखीसराय के एसपी पंकज कुमार ने बताया कि इसी क्रम में मंगलवार को गुप्त सूचना मिली कि सूर्यगढ़ा थाना क्षेत्र के जकड़पुरा निवासी अरविंद महतो का पुत्र चंदन कुमार उक्त सॉल्वर गैंग का मुख्य सदस्य है. इसके बाद गठित टीम ने जकड़पुरा में छापेमारी करते हुए एक मोबाइल बरामद किया. मोबाइल में परीक्षा की सेटिंग से संबंधित कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले. मौके से चंदन को गिरफ्तार कर लिया गया. एसपी ने बताया कि मोबाइल से मिले साक्ष्य का विश्लेषण किया जा रहा है. इसके साथ ही परीक्षा से संबंधित चार पन्नों वाला महत्वपूर्ण कागजात बरामद किया गया.

पेपर लीक मामले में 150 गिरफ्तार

बिहार सिपाही बहाली परीक्षा के पेपर लीक मामले के तार अन्य राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं. फिलहाल अभी यह साफ नहीं हुआ है कि इस पूरे खेल में एक गैंग शामिल है या अलग-अलग गैंग इसमें संलिप्त हैं. एडीजी के अनुसार, इओयू इस मामले की जांच कर रही है. पटना, छपरा, भोजपुर समेत कई जिलों में केस दर्ज किए गए है. इओयू को विभिन्न जिलों में दर्ज 74 प्राथमिकियों की रिपोर्ट मिली है.परीक्षा में अनियमितता, पेपर लीक, आंसर की बरामद होने आदि के मामले इसमें शामिल हैं. वहीं करीब 150 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

Avinash Roy

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