कोर्ट ने माना ऐश्वर्या के साथ घरेलू हिंसा हुई: फैमिली कोर्ट का लालू के बेटे तेज प्रताप को आदेश- उन्हें राबड़ी जैसा घर दें
पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव लैंड फॉर जॉब मामले से भले बाहर चल रहे, लेकिन कोर्ट का चक्कर उन्हें लग ही गया। इस बार ठीक से। वह खुद कोर्ट में जाकर एक तरह से फंस गए। फैमिली कोर्ट ने उन्हें अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय के साथ घरेलू हिंसा करने का दोषी माना है। कोर्ट ने उन्हें एक महीने का अल्टीमेटम दिया है कि वह अपनी पत्नी ऐश्वर्या के लिए ठीक वैसी ही व्यवस्था-सुविधा तैयार कर दें, जैसा उनकी मां राबड़ी देवी को उपलब्ध है।
तेज प्रताप और ऐश्वर्या की शादी कुछ ही दिन चली
लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की शादी बहुत धूमधाम से हुई थी। छोटे तेजस्वी यादव की शादी भी उतनी धूमधाम से बाद में नहीं होने की एक वजह यह भी मानी गई कि जितनी तैयारियों के साथ तेज प्रताप की शादी हुई, वह नहीं टिकी। यह शादी केवल बिखरी ही नहीं, बल्कि थाने-सड़क की फजीहत भी हो गई।
तेज प्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय ने पति तेज प्रताप पर प्रताड़ना का आरोप लेकर थाने तक मामला पहुंचा दिया। दूसरी तरफ तेज प्रताप ने ऐश्वर्या से शादी तोड़ने के लिए तलाक की अर्जी लगा दी। दोनों राजनीतिक घरानों के बीच शादी के साथ बंधा बंधन इस झंझट के कारण बुरी तरह टूट गया। यह शादी जितनी तेजी से चर्चा में आयी थी, उतनी ही तेजी से टूटने तक भी पहुंची। शादी के बाद तेज प्रताप अपनी पत्नी को साइकिल पर घुमाते दिखे थे, लेकिन फिर दोनों थाने-कोर्ट के चक्कर लगाते ही देखे गए।
तेज प्रताप पर कोर्ट ने यह बंदिश लगा दी
कोर्ट ने 03 सितंबर 2019 और 17 दिसंबर 2019 को ऐश्वर्या राय की ओर से दाखिल आवेदनों पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि जिस तरह शादी के बाद ऐश्वर्या राय को परिवार के घर में सुख-सुविधाएं मिल रही थीं, उसी स्तर की व्यवस्था एक महीने के अंदर करा दी जाए। शादी के बाद ऐश्वर्या पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आलीशान सरकारी आवास में रह रही थीं।
कोर्ट ने सरकारी आवास के लिए नहीं लिखा है, लेकिन उतनी ही सुख-सुविधा के साथ ऐश्वर्या के रहने की व्यवस्था करने का आदेश दिया है। उस व्यवस्था में किराया-बिजली-पानी सहित तमाम तरह के खर्च का वहन तेज प्रताप यादव को करना होगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट आदेश दिया है कि ऐश्वर्या के साथ अब पति किसी भी तरह की घरेलू हिंसा नहीं करें।