केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के स्तर से 1 अक्टूबर को कराई गई सिपाही भर्ती परीक्षा में कई जिलों से धांधली या अनियमितता बरतने की शिकायत आई थी। पटना, नवादा, समस्तीपुर, भोजपुर, बक्सर, सारण समेत अन्य जिलों में ऐसी शिकायतें सामने आई थी और कई स्थानों पर इस मामले को लेकर एफआईआर भी दर्ज की गई थी। अब तक सभी जिलों में 61 एफआईआर दर्ज होने की सूचना मिली है। अब इस मामले की गहन तफ्तीश आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) करेगी।
ईओयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सभी जिलों में दर्ज एफआईआर मंगवा ली गई है तथा इनकी तफ्तीश शुरू हो गई है। पूरे मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन कर दिया गया है। इसके बाद पूरे मामले के तह तक पहुंचा जाएगा।
ईओयू के एसपी सुशील कुमार की तरफ से इससे संबंधित विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि सभी सूचनाओं का समावेश कर अनुसंधान किया जा रहा है। सभी एफआईआर को टेक-ओवर करके अनुसंधान शुरू किया गया है। अगर इस परीक्षा को लेकर अन्य किसी तरह की शिकायत मिलती है, तो इसे भी गंभीरता से लेते हुए अनुसंधान किया जाएगा। इस मामले में अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन परीक्षा केंद्रों पर कदाचार करते जो अभ्यर्थी पकड़े गए हैं, उनसे जुड़े मामले की जांच की जाएगी। इस मामले को लेकर सोशल मीडिया समेत अन्य स्थानों पर जो भी जानकारी चल रही है या मौजूद है, उन्हें भी एकत्र कर तफ्तीश की जा रही है।
केंद्रीय चयन पर्षद का पेपर लीक से इनकार
कंकड़बाग थाना के रामकृष्ण द्वारिका महाविद्यालय में सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान रविवार को नकल करते पकड़े गए सभी छह को कोर्टमें पेशी के बाद सोमवार को जेल भेज दिया गया। नकल मामले के तार कोचिंग संचालकों से जुड़ रहे हैं। आरोपितों के पास से बरामद आंसर-की की जांच की जा रही है। अभ्यर्थियों को आंसर शीट किसने उपलब्ध करवाया पुलिस इसकी जांच कर रही है। पुलिस ने तीन अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन जब्त किए हैं।
केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने कंकड़बाग में सिपाही बहाली के प्रथम चरण की परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र लीक होने से इंकार किया है। सोमवार को पर्षद के अध्यक्ष एस के सिंघल ने कहा कि रविवार को हुई सिपाही भर्ती परीक्षा में बिहार के किसी भी केंद्र से कोई पेपर लीक नहीं हुआ है। मीडिया से बातचीत में कहा कि जांच में पाया गया कि इन परीक्षार्थियों को लगभग परीक्षा खत्म होने के समय पकड़ा गया। बरामद आंसर की में दिये गये उत्तर भी सीरियल नंबर के अनुसार नहीं थे। पूछताछ में भी बताया है कि चोरी करने की नीयत से वे आंसर लिख कर लाए थे। पूरी परीक्षा के दौरान 100 से अधिक अभ्यर्थी व उनके सहयोगियों को कदाचार का प्रयास करते पकड़ा गया। कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले। माफिया की तरह सक्रिय कई गैंगों ने कदाचार का प्रयास किया, लेकिन विफल रहे।
पर्षद के विशेष कार्य पदाधिकारी राज किशोर बैठा ने बताया कि आवेदन के दौरान 105 फॉर्म ऐसे मिले, जो डबल थे। सभी को ट्रैप करने के लिए रामकृष्णा नगर भूपतिपुर स्थित पटना कॉन्वेंट स्कूल में केंद्र बनाया था। इस दौरान आठ अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया जबकि 97 अनुपस्थित रहे। गिरफ्तार फर्जी अभ्यर्थी अविनाश कुमार, मनीष कुमार, गुडडू कुमार गुप्ता एवं श्याम कुमार के बदले परीक्षा देते हुए पकड़े गए।
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