जातीय सर्वे रिपोर्ट के बाद जीतन राम मांझी की बड़ी मांग, कहा- SC/ST,OBC,EBC की हकमारी बंद हो; आबादी पर सरकारी नौकरी मिले
बिहार में सरकार द्वारा कराई गई जाति आधारित गणना रिपोर्ट जारी कर दी गयी है। गांधी जयंती के अवसर पर यह रिपोर्ट जारी किया गया। सीएम नीतीश कुमार, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इसे ऐतिहासिक बताया है। महागठबंधन के नेताओं की ओर सेअब देश में जातीय गणना कराने की मांग तेज हो गयी है। बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हमारी हकमारी हो रही है। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से आबादी के आधार पर सरकारी नौकरी की मांग की है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जीतन मांझी ने अपना रिएक्शन दिया है। उन्होंने कहा है कि बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आ चुकी है।सूबे के SC/ST,OBC,EBC की आबादी तो बहुत है पर उनके साथ हक़मारी की जा रही है। माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह करता हूं कि राज्य में आबादी के प्रतिशत के हिसाब से सरकारी नौकरी और स्थानीय निकायों में आरक्षण लागू करें। इन जातियों को न्यासंगत अधिकार दिलाएं।
जीतन राम मांझी पहले से ही जाति आधारित गणना करने की मांग करते आ रहे हैं। एनडीए में रहते हुए भी उन्होंने जातीय सर्वे पर सवाल उठाने वालों पर निशाना साधा था। कहा था कि जो लोग जातिगत जनगणना का विरोध करते है वे असल मायने में संविधान और बाबा अंबेडकर के विरोधी हैं। उन्होंने कहा था कि जब देश में सांप, बाघ, बकरी की जनगणना हो सकती है तो फिर जातियों की क्यों नहीं हो सकती। देश के विकास के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है। यह पता होना चाहिए कि किसकी कितनी आबादी है। इसी के आधार पर सत्ता में कितनी भागीदारी दी जाए।
जातीए गणना की जारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार की आबादी 13 करोड़ सात लाख है। इसमें हिन्दू की आबादी 81.99 प्रतिशत है, मुस्लिम आबादी 17.70 प्रतिशत जबकि ईसाई आबादी 0.576 बताई गई है। बताया जा रहा है लोकसभा चुनाव 2024 से पहले रिपोर्ट को सार्वजनिक करके नीतीश सरकार ने बड़ा दांव खेल दिया है।