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बिहार: सगी मां ने बेटी को जन्म लेते ही ठुकराया, नर्स ने स्वीकारा, कहा- सप्तमी के दिन देवी आई हैं, मैं इसे पालूंगी

बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले से एक ह्रदय विदारक घटना सामने आई हैं. शारदीय नवरात्र के सप्तमी के मौके पर आज जहां हर जगह देवी के स्वरूप की पूजा हो रही है, वहीं चनपटिया में बेटी पैदा होने पर मां ने उसे अपनाने से इंकार कर दिया. जिस बेटी के जन्म होने पर मां ने ठुकराया उसे देवी का स्वरूप समझकर अस्पताल की ममता कार्यकर्ता ने अपना लिया.

मामला चनपटिया स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां पुलिस के हस्तक्षेप के बाद कागजी रूप से मां द्वारा त्यागी गई नवजात को ममता ने देवी समझकर बेटी बनाते हुए अपना लिया. जिस महिला ने बेटी को जन्म दिया, उसे पहले से तीन बेटियां हैं जिससे वह गरीबी और बेबसी को कारण बनाकर पालन पोषण में असमर्थता व्यक्त की. बताया जाता है कि चनपटिया के चूहड़ी की रहने वाली रामबाबू साह की पत्नी नीतू देवी को प्रसव पीड़ा के बाद चनपटिया स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था, जहां महिला ने चौथी बेटी को जन्म दिया.

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बेटी को जन्म देने के साथ ही उसने उसे अपनाने से इनकार कर दिया, वहीं ड्यूटी पर तैनात ममता कार्यकर्ता रीमा देवी ने उसे बेटी के रूप में स्वीकार कर लिया. ममता कार्यकर्ता ने बेटी बनाकर बच्ची को अपनाया और कहा कि देवी की स्वरूप है यह लड़की.

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चनपटिया स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ी ममता कार्यकर्ता रीमा देवी ने बताया कि नवरात्रि की सप्तमी के दिन यह कन्या देवी के रूप में मेरे घर आई है. बेटी को अपनाने के बाद सिर्फ रीमा ही नहीं पूरा पकडीहार गांव खुश हैं, वहीं जन्म के साथ ही बेटी को त्याग करने के बाद समाज का एक विकराल चेहरा सामने आया जिसमें आज भी बेटियों को लोग बोझ समझ रहे हैं.

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