बिहार विधानसभा सत्र: सदन में आज पेश होगी जातीय गणना रिपोर्ट, विपक्ष के हंगामे के पूरे आसार
बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन यानी आज (मंगलवार) को राज्य सरकार जातीय-आर्थिक सर्वे की विस्तृत रिपोर्ट सदन में पेश करेगी। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी यह रिपोर्ट सदन पटल पर रखेंगे। विधानसभा तथा विधान परिषद में भोजनावकाश के बाद यह पेश की जाएगी। सोमवार को विधानसभा और विधान परिषद की कार्यमंत्रणा समिति की अलग-अलग बैठक हुई। इसमें मंगलवार को रिपोर्ट पेश करने का निर्णय लिया गया।
विधान परिषद में कार्यमंत्रणा समिति के फैसलों की जानकारी सभापति देवेशचंद्र ठाकुर ने दी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने सभापति से जातीय-आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट पर सदन में भोजनावकाश के बाद चर्चा की मांग की। वित्त व वाणिज्य-कर मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सदस्यों की बातों पर सरकार संज्ञान लेगी। जानकारी के अनुसार, इस रिपोर्ट की प्रति सभी सदस्यों को उपलब्ध करायी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा दो अक्टूबर को जारी जातीय गणना की प्रारंभिक रिपोर्ट में केवल जाति व धर्म विशेष के लोगों की संख्या की जानकारी दी गई थी।
संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि जातीय गणना की विस्तृत रिपोर्ट दोनों सदनों में रखी जाएगी। इसके बाद सभी दलों के नेता इस पर व इसके आधार पर आगे की कार्रवाई के संबंध में अपनी राय रखेंगे। यह ऐतिहासिक दिन होगा। इस गणना एवं सर्वे के नतीजों की प्रतीक्षा सिर्फ बिहार ही नहीं, पूरे देश के लोग कर रहे हैं।
वहीं नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि जातीय सर्वे में सरकार ने तुष्टीकरण की नीति अपनाई है। पूरा बिहार इसे जान रहा है कि किन-किन लोगों की आबादी बढ़ाई गई है। सरकार पूरी रिपोर्ट तो जारी करे, राज्य की जनता लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। प्रदेश की सभी जातियों को खुद से ही अपनी गणना करनी चाहिए।
आपको बता दें बिहार पूरे देश में जातीय-आर्थिक सर्वे रिपोर्ट जारी करने वाला पहला राज्य है। इसके पूर्व संयुक्त बिहार (बिहार, झारखंड, उड़ीसा) में 1931 में जातीय गणना करायी गयी थी। इसके बाद देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित सामाजिक-आर्थिक सर्वे कराकर उसकी विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी। इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट पहले ही जारी की जा चुकी है।
जातीय गणना के दौरान 26 प्रमुख बिंदुओं पर जानकारी जुटायी गई थी। विभिन्न जातियों की शैक्षणिक, आर्थिक व सामाजिक स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इनमें औसत आय, शैक्षणिक स्तर, रोजगार की स्थिति, कृषि या गैर कृषि आधारित जीवनयापन, आवासीय स्थिति, लोगों के पास इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की संख्या सहित अन्य प्रमुख जानकारी दी जा सकती हैं।