बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी पर विधानसभा में नीतीश कुमार की विवादास्पद टिप्पणी पर सियासत जारी है। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आने के बाद मांझी का दर्द एक बार फिर छलक गया है। पूर्व सीएम ने एक ओर जहां पीएम मोदी का आभार जताया है तो दूसरी ओर वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दलित विरोधी करार देते हुए उन पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है
शीतकालीन सत्र के दौरान बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार की दो बातें विवाद का केंद्र बन गईं जिनमें एक है जीतन राम मांझी पर किया गया तीखा हमला। नीतीश कुमार ने जीतन मांझी के बारे में कहा था कि इसको कोई सेंस नहीं है, मेरी मूर्खता और गदहापनी थी कि यह बिहार का मुख्यमंत्री बन गया। आरक्षण विस्तार के मुद्दे पर विधानसभा में बहस के दौरान नीतीश कुमार मांझी पर जमकर बरस पड़े।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार के इस बयान पर अपने भाषण में तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस बात के लिए नीतीश कुमार की आलोचना खुले मंच से किया और कहा कि एक दलित पूर्व मुख्यमंत्री को वर्तमान मुख्यमंत्री ने प्रताड़ित और अपमानित किया। इसके लिए जीतन राम मांझी ने प्रधानमंत्री का आभार जताया है तो नीतीश कुमार पर करारा हमला किया है।
पटना में अपने बयान में उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार ने ना सिर्फ मुझे बल्कि पूरे दलित समाज को अपमानित किया। इससे दलित समाज काफी आहत है। नीतीश कुमार ने तो महिलाओं को भी नहीं छोड़ा। इस बात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुद्दा बनाकर अपने भाषण में जनता के सामने रखा है। यह उनका बड़प्पन है। पूर्व सीएम ने कहा कि जिस विकट स्थिति में मुझ जैसे आदमी का प्रधानमंत्री ने साथ दिया इसके लिए हम उनके प्रति अनुग्रहित हैं। साथ ही यह भी कहा कि नीतीश कुमार के इस दुर्व्यवहार को मैं और दलित समाज के लोग कभी नहीं भूलेंगे।
पीएम ने तेलंगाना के एक चुनावी सभा में बिहार विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान नीतीश कुमार और जीतनराम मांझी के बीच हुए विवाद का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने सदन में शर्मनाक काम किया। उन्होंने दलित समाज से आने वाले और मुख्यमंत्री रह चुके नेता को जिस तरीके से अपमानित किया है उसे लोकतंत्र के लिहाज से कहीं से जायज नहीं कहा जा सकता। एक व्यक्ति को सदन में बताया गया कि वह सीएम बनने के लायक नहीं था। पीएम ने कहा कि बड़ी निर्लजता के साथ सदन के फ्लोर पर जीतन राम मांझी को बेइज्जत किया गया। हालांकि, वह पहले शिकार नहीं हैं। इससे पहले दलित नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को भी नीतीश कुमार ने अपमानित किया था। यह अहंकार की भावना उनकी पहचान बन गई है।
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