बिहार के जमुई में टला बड़ा हादसा, बर्निंग ट्रेन बनने से बची पुरी जयनगर एक्सप्रेस; ओवर हेड तार में लगी थी आग
बिहार के जमुई में ट्रेन पर सवार 13 सौ यात्रियों की जान उस समय बाल बाल बच गई जब पुरी जयनगर एक्स्प्रेस द बर्निंग ट्रेन बनते बनते बच गयी। पायलट ने ट्रेन के 18 डब्बों को ओवर हेड वायर में लगी आग के नीचे से गुजार दिया। इस दौरान ट्रेन के अंदर अफरा तफरी मच गयी। आगे जाकर ट्रेन रुकी तो यात्री कूद कर बाह निकल गए। तबतक घटना स्थल पर स्थानीय लोगों की भी भारी भीड़ जुट गई।
यह घटना हावड़ा-दिल्ली मेन रेल लाइन पर शुक्रवार जमुई के सिमुलतला रेलवे स्टेशन के पास की है। इस वजह से 6-7 घंटे तक ट्रेन का परिचालन ठप रहा और होने के बाद अलग-अलग स्टेशन पर गाड़ियां रुकी रहीं। दोपहर 1:00 बजे से परिचालन सुचारु हो सका। दरअसल सिमुलतल्ला स्टेशन के पास ट्रेन परिचालन के लगाए गए हाई टेंशन तार में आग लग गई। देखते देखते तार धू धू कर जलने गया। उसी समय तेज गति से पुरी जयनगर एक्सप्रेस आ गई। गांव के स्थानीय लोग चिल्लाने लगे कि ट्रेन रोको।
लेकिन गाड़ी की स्पीड के कारण पायलट उसे रोक नहीं पाया। साहस का परिचय देते हुए उन्होंने तेज गति गाड़ी के सभी 18 डिब्बों और इंजन के नीचे से निकाल लिया। इस दौरान स्थानीय लोग हल्ला करते रहे। गनिमत रही कि इस दौरान ट्रेन में आग नहीं लगी। ट्रेन में करीब 13 लोग सवार थे। वे भी काफी डर गए। आगे जाकर ड्राइवर ने ट्रेन को रोक दिया। गाड़ी रुकते ही यात्री तेजी से ट्रेन से बाहर निकल गए।
घटना के बाद हावड़ा-नई दिल्ली मुख्य रेल लाइन पूरी तरह से प्रभावित हो गया। इसकी जानकारी ट्रेन ड्राइवर आर. बेसरा ने सिमुलतला स्टेशन मास्टर महेश कुमार को दी। इसके बाद ओवरहेड तार से बिजली के कनेक्शन को काटा गया। इस घटना से ट्रेन परिचालन प्रभावित हो गया। करीब 6-7 घंटे तक ट्रेन का परिचालन ठप रहा। इस दौरान अलग-अलग स्टेशन पर गाड़ियां रुकी रहीं और यात्री फंसे रहे। ट्रेन की परिचालन दोपहर 1:00 बजे से शुरू किया जा सका। इस मामले में लेकर जमुई स्टेशन मास्टर सतीश कुमार ने बताया कि सभी यात्री सुरक्षित हैं। किसी भी यात्री के साथ कोई भी घटना नहीं घटी है।