बिहार के 94 लाख गरीब परिवारों को सरकार देगी 2-2 लाख रुपये, नीतीश ने किया ऐलान
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि राज्य के 94 लाख गरीब परिवारों को राज्य सरकार की ओर से 2-2 लाख रुपये दिये जाएंगे। सीएम नीतीश ने राज्य सरकार द्वारा कराए गए जातिगत सर्वेक्षण पर एक विस्तृत रिपोर्ट सदन में पेश किए जाने के बाद हुई चर्चा में भाग लेते हुए यह बयान दिया।
सदन में नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में सभी वर्गों में गरीब लोग पाए गए हैं। सामान्य वर्ग में 25.09 फीसद परिवार गरीब हैं। बिहार में गरीब तबके के लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के लिए दो लाख तक की राशि हर परिवार को दी जाएगी। जमीन के लिए सरकार एक लाख रुपये देगी और घर बनाने के लिए 1.30 लाख रुपये दिए जाएंगे।
वहीं नीतीश कुंमार ने कहा कि वह राज्य में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए कोटा (आरक्षण) बढ़ाने के पक्ष में हैं। नीतीश कुमार ने प्रस्ताव रखा कि ओबीसी के लिए आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने की आवश्यकता है जबकि एससी और एसटी के आरक्षण के लिए आरक्षण 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत तक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम उचित परामर्श के बाद आवश्यक कदम उठाएंगे। हमारा इरादा मौजूदा सत्र में इन बदलावों को लागू करने का है।
सामान्य वर्ग में भूमिहार, तो एससी में मुसहर, भूइया अधिक गरीब
जाति एवं आर्थिक आधारित रिपोर्ट के सामने आने पर सभी वर्ग एवं समुदाय या जाति के परिवारों की आर्थिक स्थिति सामने आ गई है। इसमें कई तरह के तथ्य सामने आए हैं, जिससे कई सामाजिक मिथ्य भी टूटे हैं। कुछ जातियों के परिवार की संख्या भले कम है, लेकिन वे आर्थिक तौर पर अधिक आबादी वाली जातियों से ज्यादा संपन्न हैं। यह भी देखने को मिला कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग में गरीब जातियों की संख्या सबसे अधिक है। इसमें मुशहर, डोम, नट, भोगता, पहरिया समेत अन्य शामिल हैं। इन जाति के लोगों में गरीबी सभी वर्ग के जाति के परिवारों से कहीं अधिक है।