बिहार में हर्ष फायरिंग भूल जाइए, हथियार लहराने पर भी हो सकती है जेल, जानें नया नियम…
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बिहार के लोग अब सावधान हो जाएं। राज्य में अब विवाह से लेकर तिलक और यहां तक की जन्मदिन जैसे समारोह में भी हर्ष फायरिंग की बात तो दूर हथियार लहराना या उसका अनुचित प्रदर्शन करना भी गैर कानूनी माना जाएगा। इस तरह की हरकत करने वाले व्यक्ति पर एफआईआर तो दर्ज होगा ही उनके हथियार का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। अवैध हथियार का इस्तेमाल करने पर उन पर आर्म्स एक्ट के तहत अलग से केस दर्ज किया जाएगा।
शादियों का मौसम शुरू होने के साथ ही बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक को हर्ष फायरिंग रोकने के लिए बने एसओपी का कड़ाई से अनुपालन करने का निर्देश जारी किया है। एडीजी मुख्यालय संजय सिंह ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि शहर या फिर गांव में होने वाले किसी भी तरह के सार्वजनिक समारोह से पहले आयोजकोब को निर्धारित घोषणा पत्र में संबंधित थाने को इस बात की जानकारी देना अनिवार्य किया गया है।
प्रपत्र में आयोजन में भाग लेने पहुंचने वाले निजी सशस्त्र धारक समेत सभी मौजूद लोगों की अनुमानित संख्या संबंधित आयोजनकर्ता का पूरा नाम पता और मोबाइल नंबर देना जरूरी है। एडीजी पुलिस मुख्यालय संजय सिंह ने बताया कि मैरिज हॉल, कम्युनिटी सेंटर को भी यह प्रपत्र भरने के लिए संबंधित थाना प्रेरित करेंगे। थाना स्तर पर उसे क्षेत्र में संचालित सभी मैरिज हॉल धर्मशाला होटल सामुदायिक भवन जैसे भवनो की सूची बनाई जाएगी जहां वैवाहिक संस्कृत आर्केस्ट्रा और दूसरी तरह के कार्यक्रम आयोजित होते हैं। एडीजी ने बताया कि हाल के मालिक मैनेजर कार्यक्रम की पूर्व सूचना थाना को देंगे।
सूचना मिलने पर संबंधित थाना द्वारा कार्यक्रम से जुड़े लोगों से संपर्क कर घोषणा पत्र भराया जाएगा। गांव में चौकीदार के माध्यम से या घोषणा पत्र भरवारा जायेगा जो बाद में थाना में दर्ज होगा। किसी कार्यक्रम में कोई घटना होने पर थानाध्यक्ष द्वारा स्वयं घटनास्थल पर पहुंच कर सत्यापन करते हुए एफआईआर दर्ज किया जाएगा और साथ ही लायसेंस निलंबित तो रद्द करने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। हर्ष फायरिंग होने की स्थिति में संबंधित वर वधु पक्ष और आयोजनकर्ता की भूमिका की भी बारीकी से जांच थानेदार द्वारा की जाएगी।
एसओपी में प्रशासनिक विफलता पाए जाने पर दोषी पदाधिकारी को चिन्हित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। एडीजी विधि व्यवस्था ने बताया कि 2022 में हर्ष फायरिंग की घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी जबकि 36 लोग घायल हो गए थे। 2022 में ही 99 केस दर्ज किए गए और 127 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। 2023 में अब तक 86 कांडों में 19 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है।