चिराग पासवान का पशुपति पारस को झटका; रालोजपा सांसद वीणा देवी पाला बदलकर लोजपा में
बिहार की राजनीति के जाने पहचाने चाचा भतीजा पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान के बीच जारी राजनीतिक घमासान जग जाहिर है। इस बीच स्थापना दिवस पर भतीजा ने अपने चाचा को तगड़ा झटका दिया है। पारस गुट की वैशाली सांसद वीणा देवी ने चिराग पासवान का दामन थाम लिया है। स्थापना दिवस के मौके पर वैशाली की एमपी वीणा देवी चिराग पासवान के साथ मंच पर एक माला के अंदर देखी गईं।
रामविलास पासवान द्वारा स्थापित लोक जनशक्ति पार्टी अर्थात लोजपा का स्थापना दिवस मंगलवार को मनाया गया। इस मौके पर जमुई के सांसद और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान तथा उनके भाई केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस एक दूसरे से ताकत आजमाइश करते दिखे। चिराग और उनके समर्थक पटना में स्थापना दिवस मनाया तो दूसरी और चाचा पशुपति कुमार पारस हाजीपुर की धरती पर हुंकार भरी। इस बीच बड़ी खबर यह है कि वैशाली की संसद देवी ने पाला बदल लिया है। पशुपति कुमार पारस को छोड़कर उन्होंने चिराग पासवान का दामन स्थान लिया है।
लोजपा में बंटवारे के वक्त वीणा देवी ने पशुपति कुमार पारस का साथ दिया। दिल्ली स्थित वीणा देवी का आवास इस पूरे प्रकरण का केंद्र बना था। लोजपा के पांच सांसद पशुपति कुमार पारस के साथ चले गए और चिराग पासवान अकेले बच गए। वीणा देवी की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनके पति दिनेश प्रसाद सिंह जेडीयू के एमएलसी और मजबूत नेता हैं। वह सीएम नीतीश कुमार के काफी क्लोज भी हैं। लोजपा में विभाजन के बाद से वीणा देवी पशुपति कुमार पारस के साथ थीं। लेकिन स्थापना दिवस के मौके पर अचानक उन्होंने पाला बदल लिया है।
वीणा देवी का राजनीतिक सफर मुजफ्फरपुर जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में शुरू हुआ। राजद के बड़े नेता रघुवंश प्रसाद सिंह उनके राजनीतिक अभिभावक रहे। बीजेपी की टिकट पर उन्होंने मुजफ्फरपुर की गायघाट विधानसभा क्षेत्र से दो बार जीत दर्ज किया। उसके बाद उन्हें वैशाली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला। लेकिन एनडीए गठबंधन में यह सीट लोजपा के हिस्से में आई । आनन-फानन में उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देकर लोजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली और वैशाली लोकसभा सीट पर जीत दर्ज किया। 2020 के इस लोस चुनाव में रघुवंश प्रसाद सिंह हार गए।
पूरा देश जानता है कि हाजीपुर लोकसभा सीट के लिए चाचा पशुपति पारस और भतीजा चिराग पासवान आमने-सामने हैं। दोनों ही हाजीपुर सीट पर अपना दावा कर रहे हैं। फिलहाल पशुपति कुमार पारस हाजीपुर के एमपी हैं। हाजीपुर रामविलास पासवान की पारंपरिक सीट है। बेटा होने के नाते चिराग पासवान उस पर दावा करते हैं और अपनी मां रीना पासवान को उतारना चाहते हैं। दूसरी और पशुपति कुमार पारस अपने आप को रामविलास पासवान का असली वारिस बताते हुए हाजीपुर को छोड़ना नहीं चाहते। इसी तैयारी के तहत पशुपति पारस ने हाजीपुर में स्थापना दिवस मनाया।
दोनों नेता अक्सर हाजीपुर में जनसंपर्क करते देखे जाते हैं। इस बीच वीणा देवी के पाला बदलने से चिराग को जहां ताकत मिली है वहीं पशुपति पारस को झटका लगा है। पशुपति पारस फिलहाल नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार में मंत्री हैं।