बिहार: दुल्हन लेने पहुंचे हेलिकॉप्टर को नहीं मिली लैंडिंग की परमिशन, दूल्हे ने ऊपर से ही लगा लिए गांव के 7 फेरे
बिहार में शादी का सीज़न शुरू होते ही विवाह समारोह की कई रोचक ख़बरें पढ़ने को मिल रही है। इसी क्रम में प्रदेश भर में एक शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां हेलिकॉप्टर से दूल्हा पहुंचा, लेकिन लैंडिंग की इजाज़त नहीं मिली। इसके बाद दूल्हे ने आसमान में ही सात फेरे लिए।
बिहार के जहानाबाद में हेलिकॉप्टर से दूल्हा मोहिउद्दीनपुर गांव (घोसी प्रखंड) पहुंचा था। हेलिकॉप्टर को लैंडिंग की ईजाज़त नहीं मिली तो दूल्हे ने आसमान में ही सात फेरे ले लिए और वापस हो गया। दरअसल मोहिउद्दीनपुर गांव निवासी रामानंद दास की डॉक्टर बेटी मेघा रानी की शादी डॉक्टर विवेक कुमार राय (जमशेदपुर निवासी) से तय हुई थी।
बोधगया में सोमवार को शानदार तरीक़े से शादी हुई थी। विवाह कार्यक्रम पूरा होने के बाद दूल्हा और दुल्हन समेत परिवार के सभी लोगो मोहिउद्दीनपुर गांव आ गए थे। मंगलवार को विदाई हेलिकॉप्टर से होनी थी। रामानंद दास (लड़की के पिता) की ये ख्वाहिश थी कि उनकी बेची डॉक्टर बन जाएगी तो शादी में उसकी विदाई हेलिकॉप्टर से करेंगे।
डॉ. मेघा रानी के पिता ने 8 लाख रुपये में शादी के लिए हेलिकॉप्टर बुक किया था। हेलिकॉप्टर की लैंडिंग के लिए गांव में हेलीपैड भी तैयार करवा लिया था। लेकिन आखिरी व़क्त में पता चला की हेलिकॉप्टर को लैंडिंग की इजाज़त नहीं मिली है। वहीं गांव के लोग हेलिकॉप्टर से विदाई देखने के लिए हैलिपैड पर पहुंचे हुए थे।
लैंडिंग की इजाज़त नहीं मिलने पर लड़की परिवार वाले लोग गया एयरपोर्ट पहुंचे, वहां अधिकारियों से मिन्नत की कि एयरोपोर्ट से हेलिकॉप्टर को विदाई की इजाज़त मिल जाए। एयरपोर्ट ऑथोरिटी ने सिर्फ़ दूल्हा और दुल्हन को अंदर जाने दिया, बाकि सभी लोगों को बाहर ही रोक दिया।
रामानंद दास ने कहा कि बेटी के डॉक्टर बनने पर हमने सोचा था कि उसकी धूमधाम से शादी करते हुए हेलिकॉप्टर से विदाई करवाएंगे। इस सपने को साकार करने के लिए पत्नी के रिटायरमेंट की सारी जमापूंजी ख़र्च दी, लेकिन जहानाबाद प्रशासन ने की तरफ़ से लैंडिंग की इजाज़त नहीं मिली। वहीं उन्होंन गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हेलिकॉप्टर से उड़ान भरने की इजाज़त इसलिए नहीं मिली क्योंकि वह दलित हैं।
इस पूरे मामले में जहानाबाद जिला अधाकरी रिची पांडेय ने कहा कि हेलीकॉप्टर की लैंडिंग का प्रोसेस होता है। इस बाबत कई विभागों से एनओसी लेनी होती है, हेलिकॉप्टर की लैंडिंग के लिए जरूरी विभागों से इजाज़त नहीं ली गई। 28 दिसंबर को सुबह 8.30 बजे लैंडिंग की इजाज़त मांगी गई थी।
प्रोसेस के तहत 28 दिसंबर को सुबह के 11:00 बजे आवेदन की कॉपी मेरे पास आई थी। उस वक्त के मुताबिक ढाई घंटे देर हो गई थी। इस तरह डीएम लेवल पर से प्रोसेस पूरा करने का भी वक़्त नहीं था। वहीं उन्होंने दलित की वजह से इजाज़त नहीं मिलने के सवालों पर कहा कि आवेदक जाती तक प्रशासन को नहीं मालूम है, लैंडिग की इज़ाजत नहीं होने मिलने की वजह यह बताना समझ से बाहर है।