दरभंगा के शोभन में एम्स खुलने के बढ़े आसार, केन्द्र की शर्तों को मानने के लिए तैयार हुआ बिहार
बिहार में पटना के बाद दरभंगा में दूसरे एम्स निर्माण स्थल को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच जगह को लेकर चल रही खींचतान के बीच अब लग रहा है कि इस संस्थान के निर्माण के लिए रास्ता साफ हो रहा है. केंद्र सरकार के पत्र से एम्स बनने की संभावना बढ़ गई है. शोभन बाइपास पर एम्स बनाने के मसले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बिहार सरकार को पत्र भेजा गया है. पत्र में इस निर्माण कार्य को लेकर कई शर्त भी रखे गए हैं जिसको लेकर बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने पहले ही बयान दिया था.
मिट्टीकरण, चारदिवारी, हाई एक्सटेंशन तार हटाने और सड़क को चौड़ीकरण, बिजली की व्यवस्था जैसी शर्तें इसमें शामिल हैं. जिसको लेकर कहा गया है कि ये सुविधाएं जल्द बहाल हो जाएंगी तो एम्स बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है. बिहार सरकार केंद्र की शर्तों को पूरा करने को तैयार है. राज्य सरकार जल्द ही इसको लेकर केंद्र सरकार को जवाबी पत्र भेजेगी.
बिहार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार मंत्रालय ने पत्र में एम्स के लिए दूसरी जमीन की मांग की गई है. शोभन में जलजमाव को देखते हुए कहा गया है कि दूसरी जमीन मिले तो एम्स का निर्माण आसानी से कराया जा सकता है. अगर दूसरी जमीन नहीं दी जा सकती तो शोभन में एम्स बनाने के लिए बिहार सरकार कुछ शर्तों को पूरा करे. शोभन जलजमाव वाला इलाका है. इसलिए राज्य सरकार इसे समतल बनाने के लिए मिट्टी भराई का काम शीघ्र कराए.
पूरा करने में लगेगा समय
बिहार सरकार के अधिकारियों का कहना है कि सभी शर्तों को यथाशीघ्र पूरा करना मुश्किल है. इसलिए राज्य सरकार जवाबी पत्र लिखकर केंद्र से और समय मांगेगी ताकि शर्तों को पूरा किया जा सके. विभाग का कहना है कि चिह्नित स्थल ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर है. आमस-दरभंगा फोरलेन से यह महज पांच किलोमीटर तो दरभंगा एयरपोर्ट से 10 किलोमीटर की दूरी पर है. एम्स की स्थापना शहर के बाहर होने से दरभंगा शहर के विस्तारीकरण के साथ नए इलाके के विकास का भी रास्ता सुगम होगा. इससे उत्तर बिहार, मिथिलांचल और नेपाल के लोगों को उच्चस्तरीय इलाज की सुविधा प्राप्त होगी.
राज्य सरकार एम्स के निर्माण के लिए 151.17 एकड़ में से 113.86 एकड़ भूमि निशुल्क हस्तांरित कर चुका है. चिह्नित भूखंड पर मिट्टी भराई के लिए राज्य योजना से 309 करोड़ की योजना भी स्वीकृत की जा चुकी है.
वहीं बता दें की बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने पहले ही बयान दिया था कि सभी शर्तों को पूरा किया जाएगा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कह दिया है कि इन शर्तों को पूरा किया जाएगा.