बिहार: 10 नाती-पोते वाली 90 साल की बुजुर्ग बनी मुखिया, पर्चा दाखिल करने पर लोगों ने उड़ाया मजाक; अब बोले- वाह, दादी..
इस कहानी को पढ़ आप जरूर मुस्कुरा उठेंगे. बता दें कि बिहार में जमुई के डाढ़ा गांव के चुनाव (Jamui Village Election) में कमाल हो गया है. यहां 90 साल की महिला, मुखिया का चुनाव जीती है. जब बुजुर्ग महिला ने पर्चा दाखिल किया था तो लोगों ने उसका मजाक उड़ाया था. मगर, वोटिंग के नतीजों ने सबकी बोलती बंद कर दी. बुजुर्ग महिला ने गांव के घर-घर जाकर जाकर जनसंपर्क किया. बुजुर्ग महिला ने बताया कि मेरे बेटे ने एक बार चुनाव लड़ने के लिए बोला और मैंने हां कर दी. इसके बाद मैं घर-घर जाकर लोगों से मिली ओर वोट देने की अपील की. फिर, 90 साल की सुनीता देवी ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी ललिता देवी को 140 वोटों से हरा दिया और सबसे बुजुर्ग महिला मुखिया बन गईं.
90 साल की दादी बनीं मुखिया
चुनाव में चार बेटों की मां सुनीता देवी के जज्बे को गांव के लोगों ने सम्मान दिया और सपोर्ट करके उनको जिता दिया. जानकारी के मुताबिक, सुनीता देवी के 10 नाती-पोते हैं. सुनीता देवी के बेटे विजय यादव ने बताया कि मां की जीत से हम सब उत्साहित हैं. दरअसल, बरहट ब्लॉक के डाढ़ा गांव में मुखिया पद के लिए 90 साल की बुजुर्ग महिला सुनीता देवी ने नामांकन का पर्चा भरा था.
बहू के निधन के बाद लड़ा चुनाव
बता दें कि सुनीता देवी ने अपनी बहू के निधन के बाद पंचायत के मुखिया के पद पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया. बढ़ती उम्र के बावजूद भी जोश और ऊर्जा के साथ वह क्षेत्र में मतदाताओं से मिलने के लिए निकल पड़ती थीं. वह घर-घर जाकर वोट मांगती थीं. आखिर चुनाव का दिन आया और सुनीता देवी को लोगों का समर्थन मिला.
मतों की पेटी के साथ खुली सुनीता की किस्मत
चुनाव में सुनीता देवी को 1728 वोट मिले. वहीं उनकी प्रतिद्वंदी ललिता देवी ने 1588 वोट हासिल किए. महिला सीट होने के कारण इस सीट पर चार महिला प्रत्याशी लड़ रही थीं. हालांकि, जब मतों की पेटी खुली तो सुनीता देवी की किस्मत खुल गई और वह सबसे बुजुर्ग महिला प्रधान बन गईं.