दरभंगा के श्यामा मंदिर में बलि प्रथा से रोक हटी, विरोध के बाद बैकफुट पर धार्मिक न्यास परिषद
मिथिलांचल के प्रसिद्ध मां श्यामा माई मंदिर परिसर में बलि प्रदान पर मां श्यामा मंदिर न्यास समिति के द्वारा रोक लगाने के निर्णय से भक्तों के बीच आक्रोश फैलता ही जा रहा था। मां श्यामा भक्त न्यास समिति के फैसले के विरूद्ध आंदोलन शुरू कर दिया गया। जिसको देखते हुए माँ श्यामा न्यास समिति ने श्यामा मंदिर में बलि प्रथा रोक का निर्णय शर्तो के साथ वापस लिया है। शर्तो के अनुसार बलि प्रथा में मंदिर प्रशासन की कोई भूमिका नही होगी। भक्त निजी व्यवस्था कर मंदिर परिसर में बलि प्रदान कर सकते है। मंदिर प्रशासन बलि प्रथा को लेकर ना तो कोई कर्मी देगा, ना ही इसके बदले किसी प्रकार का शुल्क लिया जाएगा।
उक्त बातें की जानकारी देते हुए माँ श्यामा न्यास समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र मोहन झा ने कहा कि बली प्रथा का विरोध या समर्थन न्यास समिति नहीं करती है। जिनकी जैसी श्रद्धा है वो कर सकते है। इसके लिए कोई भी शुल्क नहीं लिया जायेगा। बलि प्रदान के लिए किसी प्रकार का कोई व्यक्ति मंदिर के द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जायेगा।
मां श्यामा न्यास समिति शांतिपूर्वक बली प्रदान को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। वही उन्होंने कहा कि जो लोग इस बलि प्रथा का समर्थन या विरोध कर रहे है। उनको किसी प्रकार का ठेस इस निर्णय से नहीं पहुंचेगा। क्योकि समिति ने सबको ध्यान मे रख कर निर्णय किया है। यह निर्णय दरभंगा मां श्यामा माई न्यास समिति बोर्ड का है।
बता दें यह मंदिर दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह की चिता पर है। यहां तांत्रिक पद्धति से माता काली की पूजा-अर्चना की जाती है। इस चिता भूमि पर वैवाहिक व मांगलिक कार्यक्रम होते हैं। शक्ति पीठ की तर्ज पर शास्त्रानुसार यहां बलि प्रदान करने की परंपरा है, जिसे नव गठित न्यास समिति ने रोक दिया था। इधर बलि प्रदान पर रोक के बाद श्रद्धालुओं में आक्रोश गहराने लगा था। मां श्यामा भक्त सड़को पर उतरकर बलिप्रथा को पुनः बहाल करने की मांग करने लगे। जिसे देखते हुए न्यास समिति ने बलि प्रथा नियम में कुछ बदलाव करते हुए रोक हटा लिया है। यह निर्णय दरभंगा के जिलाधिकारी राजीव रौशन के साथ बैठक के बाद, कुछ नियम में बदलाव के बाद लिया गया है।