Bihar

मणिपुर में 1991 से लागू शराबबंदी कानून खत्म हुआ तो CIABC ने नीतीश सरकार से भी कर दी अपील; जानिये मंत्री ने क्या जवाब दिया

कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने एक बार फिर बिहार सरकार से मणिपुर सरकार के फैसले की तरह राज्य में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध हटाने की अपील की है। हालांकि, बिहार के निषेध और उत्पाद शुल्क मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा सर्वसम्मति से पारित होने के बाद शराबबंदी राज्य सरकार का एक नीतिगत निर्णय था और इसे वापस नहीं लिया सकता है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षणों से पता चला है कि कैसे इसने जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है और गरीब परिवारों में खुशियों लौटाई हैं। गौरतलब है कि सीआईएबीसी ने 2021 में बिहार सरकार और एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं को जहरीली शराब के सेवन से जुड़ी मौतों की एक श्रृंखला के बाद राज्य में शराबबंदी समाप्त करने के लिए लिखा था।

सीआईएबीसी के महानिदेशक विनोद गिरी ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि तीन दशक से अधिक लंबे निषेध को समाप्त करके, मणिपुर सरकार ने एक सकारात्मक कदम उठाया है, जिससे न केवल वार्षिक कर राजस्व के रूप में 600-700 करोड़ रुपये की कमाई होगी, बल्कि अवैध शराब की बिक्री और नशीली दवाओं के प्रसार के खतरे से निपटने में भी मदद मिलेगी। यह राज्य की आर्थिक वृद्धि को एक बड़ा बढ़ावा देने वाला है।उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को भी इसका पालन करना चाहिए और शराबबंदी हटानी चाहिए, जिसने राज्य की वृद्धि और विकास को बाधित किया है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद भी राज्य में अब तक जहरीली शराब से कई मौतें हो चुकी हैं, जिसे देखते हुए राज्य सरकार को शराबबंदी हटा देनी चाहिए।

बता दें कि मणिपुर की बीरेन सरकार ने राज्य की शराब पॉलिसी में बदलाव करते हुए शराबबंदी को हटाने का फैसला लिया। कैबिनेट ने यह निर्णय राज्य का राजस्व बढ़ाने और नकली शराब की सप्लाई पर रोक लगाने के लिए लिया गया। गौरतबल है कि साल 1991 से मणिपुर में शराबबंदी लागू थी। बता दें कि मणिपुर में बड़े स्तर पर एक सार्वजनिक आंदोलन हुआ था और फिर राज्य सरकार ने 1991 के माध्यम से शराब पर पाबंदी लगा दी थी। इसके बाद मणिपुर शराब निषेध अधिनियम 1991 में साल 2002 में संशोधन हुआ। इसके तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लोगों को छोड़कर, परंपरागत तौर पर शराब पीने वाले लोगों के लिए शराब के उत्पाद, बिक्री और खपत पर पाबंदी लगा दी गई थी।

वहीं बिहार में भी 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। राज्य में शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार पर विपक्ष लगातार हमलावर है। विपक्ष की ओर से आरोप लगाया जाता है कि सूबे में शराबबंदी पूरी तरह से फेल है।कुछ दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन मांझी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि राज्य में शराबबंदी सफल नहीं है। दोषपूर्ण है। इसके चलते जेल में बंद 80 फीसदी दलित समाज के लोग हैं। यदि हमारी सरकार आएगी तो हम लोग या तो गुजरात की तर्ज पर इस कानून को लागू करेंगे या पूर्ण रूप से पहले की तरह खुला छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि मद्य निषेध विभाग द्वारा कराए जा रहे सर्वेक्षण में फिर आएगा कि शराबबंदी सफल है। जातीय सर्वे की तरह ही यह भी झूठा होगा।

Avinash Roy

Recent Posts

खेलो इंडिया यूथ और पैरा गेम्स बिहार में होंगे, हॉकी के बाद बड़े स्पोर्ट्स इवेंट की मेजबानी मिली

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े  खेलो इंडिया यूथ गेम्स और पैरा गेम्स 2025…

5 घंटे ago

समस्तीपुर : 70 साल के बुजुर्गों के लिए खुशखबरी, बनवाएं आयुष्मान वय वंदना कार्ड और पाएं मुफ्त इलाज

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े  समस्तीपुर :- बिहार सरकार ने 70 साल या…

6 घंटे ago

DM ने समीक्षा बैठक में कई अधिकारियों को लगायी फटकार, दर्जनों अधिकारियों का वेतन बंद कर जल्द काम पूरा करने का दिया निर्देश

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े  समस्तीपुर :- जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा द्वारा समाहरणालय सभागार…

7 घंटे ago

शराब पीकर स्कूल पहुंच गए हेडमास्टर और शिक्षक, पुलिस की गाड़ी तक टांगकर ले जाना पड़ा

शराबबंदी वाले बिहार के एक स्कूल में गुरुजी ही दारू पीकर बच्चों को पढ़ाने पहुंच…

9 घंटे ago

बिहार में अमेरिका के बराबर हाइवे होंगे, चार साल में बदलेगी सूरत; नितिन गडकरी का ऐलान

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े  अगले चार साल में बिहार की सूरत बदलने…

11 घंटे ago

बिहार पुलिस करेगी हथियार के साथ ‘मिर्च’ का भी इस्तेमाल, जानिए इसके पीछे की क्या है वजह

बिहार में पुलिस टीम पर हो रहे हमले से बचाव के लिए पुलिस अब नया…

13 घंटे ago