नए साल के पहले मोदी कैबिनेट ने बिहार को दिया बड़ा तोहफा, गंगा नदी पर दीघा-सोनपुर 6 लेन पुल को मिली मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट (Central cabinet) की बुधवार को बैठक हुई. बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. बिहार के दीघा से सोनपुर गंगा नदी पर 6 लेन ब्रिज को मंजूरी दी गई. इस पुल के नीचे से बड़े जहाज भी निकल सकेंगे. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि बिहार में अपार संभावनाएं है और पीएम मोदी ने बहुत बिहार की मदद की है. मखाना का उदाहरण हमारे सामने है. कनेक्टिविटी हो या वाटर-वे हो. बिहार मोदी सरकार की प्राथमिकता थी, है और रहेगी.
उन्होंने कहा कि यह पुल 3064 करोड़ की लागत से 42 महीने में पूरा होगा. 4.5 किमी लंबा पुल जो नार्थ बिहार को साऊथ बिहार से जोड़ेगा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “बिहार में दीघा से सोनपुर जिले के बीच गंगा नदी पर 6 लेन केबल ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज गंगा नदी पर (मौजूदा नदी के पश्चिमी किनारे के समानांतर) 4556 मीटर लंबे, 6-लेन उच्च स्तरीय/अतिरिक्त केबल वाले नए पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी. दीघा-सोनेपुर रेल-सह सड़क पुल) और ईपीसी मोड पर बिहार राज्य में पटना और सारण जिलों (एनएच-139डब्ल्यू) में दोनों तरफ इसके पहुंच मार्ग होंगे.
बिहार में 3,064.45 करोड़ की लागत से बनेगा पुल
VIDEO | "MSP (for kopra) for 2024 has been decided. I am happy to saw that MSP for milling kopra (coconut) for the year 2024 will be more than 2023. Milling kopra's MSP has been raised by Rs 300 per quintal and for ball kopra it has been increased by Rs 250 per quintal," says… pic.twitter.com/GU89qdZbiD
— Press Trust of India (@PTI_News) December 27, 2023
परियोजना की कुल लागत 3,064.45 करोड़ रुपये है जिसमें 2,233.81 करोड़ रुपये की सिविल निर्माण लागत शामिल है. यह पुल यातायात को तेज़ और आसान बना देगा जिसके परिणामस्वरूप राज्य, विशेषकर उत्तर बिहार का समग्र विकास होगा.
बता दें कि दीघा (पटना और गंगा नदी के दक्षिणी तट पर स्थित) और सोनपुर (सारण जिले में गंगा नदी का उत्तरी तट) वर्तमान में केवल हल्के वाहनों की आवाजाही के लिए रेल सह सड़क पुल से जुड़े हुए हैं. इसलिए, वर्तमान सड़क का उपयोग माल और वस्तुओं के परिवहन के लिए नहीं किया जा सकता है, जो एक प्रमुख आर्थिक नाकाबंदी है. इस पुल को उपलब्ध कराने से दीघा और सोनपुर के बीच बाधा दूर हो जाएगी. पुल के निर्माण के बाद माल और वस्तुओं का परिवहन किया जा सकता है, जिससे क्षेत्र की आर्थिक क्षमता उजागर होगी.
यह पुल पटना से एनएच-139 के माध्यम से औरंगाबाद और सोनपुर (एनएच-31), छपरा, मोतिहारी (पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर पुराना एनएच-27), बेतिया (एनएच-727) के माध्यम से उत्तरी हिस्से में स्वर्णिम चतुर्भुज गलियारे तक सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.
यह परियोजना बुद्ध सर्किट का एक हिस्सा है. यह वैशाली और केशरिया में बुद्ध स्तूप को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करता है. इसके अलावा, NH-139W बहुत प्रसिद्ध अरेराज सोमेश्वर नाथ मंदिर और पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया में प्रस्तावित विराट रामायण मंदिर (दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक) को कनेक्टिविटी प्रदान करता है.