बिहार: घर के बाहर खड़ी कार में अचानक लगी आग, जिंदा जल गए भाई-बहन, पिछली सीट पर खेल रहे थे दोनों मासूम बच्चे
राजधानी पटना में एक दर्दनाक हादसा हुआ। जब कार में बच्चे खेल रहे थे तभी उसमें अचानक आग लग गई। इस दौरान संजीत राम का सात साल का बेटा राजपाल और उनके चचेरे भाई सुक्कन की छह वर्षीय बेटी सृष्टि जिंदा जल गई। यह दर्दनाक हादसा गौरीचक थानांतर्गत सोहगी रामपुर इलाके में सोमवार की रात साढ़े नौ बजे हुआ। प्रत्यक्षदर्शी पिंटू कुमार ने बताया कि कार में दो बच्चे बैठकर खेलने रहे थे। इसी बीच कार भीतर से ही लॉक हो गई और बच्चे उसी में फंस गये। उसी दौरान कार में आग लग गई। कार लॉक हो जाने से बच्चे बाहर नहीं निकल सके। आग कैसे लगी, अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है।
कार में आग लगने व उसमें दोनों भाई-बहन को फंसे देख लोग दौड़े, पर तब तक देर हो चुकी थी। बाद में किसी तरह आग बुझाई गई। फिर दोनों बच्चों के शवों को गाड़ी से बाहर निकाला गया। परिजन बच्चों को संपतचक स्थित एक निजी अस्पताल ले गये, जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया।
गौरीचक में कार में आग लगने से दो बच्चे जिंदा जल गए। संजीत ने तीन माह पहले सेकेंड हैंड कार ली थी। हादसे से कुछ देर पहले वे बाहर से घूमकर आये थे। इसके बाद उन्होंने गाड़ी घर के सामने ही लगा दी थी। उनकी आंख के सामने ही दोनों बच्चे कार के अंदर घुसे। इसके बाद संजीत खुद हाथ-मुंह धोने चले गये। इसी दौरान ग्रामीणों की शोर-सुनकर संजीत और उनके घर वाले जब बाहर निकले तो देखा कि कार से आग की लपटें उठ रही हैं। आग इतनी तेज थी कि उस वक्त उसे बुझाना नामुमकिन लग रहा था। जब तक स्थानीय लोगों ने आग बुझाई, बच्चे कार के अंदर दम तोड़ चुके थे।
देर रात दमकल दस्ता भी पहुंचा था। हालांकि दमकल के पहुंचने से पहले ही आग पर काबू पा लिया गया था। गौरीचक थानेदार ने बताया कि परिजनों के सामने आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। बच्चों के शवों को कार में देख घर में चीख-पुकार मच गई। परिजनों के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। आसपास के लोगों की भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गई।
कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था कि मिनटभर में इतना बड़ा हादसा हो जायेगा। कार में आग लगने और बच्चों की मौत की खबर मिलते ही डायल 112 की गाड़ी हादसास्थल पर पहुंची। इसके बाद शवों को पिकअप वैन से अस्पताल ले जाया गया। गाड़ी में लगी किसी स्विच को दबाने या स्टार्ट करने के दौरान आग लगने की संभावना जताई जा रही है।
अमूमन चलती हुई कार में आग लगती है। खड़ी कार में आग लगने की घटनाएं कम होती हैं। ऐसा या तो कार के अगल-बगल कोई जलती हुई तिल्ली, चिंगारी या सिगरेट से हो सकती है। जानकारों के मुताबिक, अत्यधिक गर्म इंजन पर इंजन ऑयल पड़ने से भी ऐसा हो सकता है। गाड़ी चलाने के बाद पार्क करने पर उसे कूलिंग सिस्टम से लगातार कूलिंग नहीं मिल पाती है और थोड़ी देर बाद इंजन गर्म हो जाता है। कुछ वाहनों में आफ्टर-रन कूलिंग फंक्शन होता है, जिससे इंजन बंद होने के बाद भी कूलिंग पंखा चलता रहता है और इंजन ठंडा रहता है।