दरभंगा में एम्स बनाने पर आखिरकार केंद्र तैयार, बिहार सरकार को भेजा सहमति पत्र, जानें कब होगा भूमि भूजन
दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर राज्य सरकार द्वारा केंद्र को दिया गया नया प्रस्ताव स्वीकृत कर लिया गया है. राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार रिस्ट्रक्चर करने में जुटी है. केंद्र की स्वीकृति के साथ ही दरभंगा एम्स निर्माण का रास्ता साफ हो गया. यह माना जा रहा है कि इसको लेकर केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया आरंभ कर दी जायेगी. कहा जा रहा है कि चुनावी साल होने के कारण केंद्र और राज्य दोनों जगहों की सरकारें इस परियोजना पर काम तेजी से करेंगे और लोकसभा चुनाव से पहले दरभंगा एम्स के भूमि पूजन से इनकार नहीं किया जा सकता है.
शोभन बाइपास में होगा बिहार के दूसरे एम्स का निर्माण
बिहार सरकार ने दरभंगा जिला के शोभन बाइपास में बिहार के दूसरे एम्स के निर्माण का नया प्रस्ताव दिसंबर 2023 के पहले सप्ताह में केंद्र सरकार को सौंप दिया था. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत व संयुक्त सचिव सुधीर कुमार राज्य सरकार के नये प्रस्ताव को लेकर दिल्ली गये थे . उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव सुधांश पंत को प्रस्ताव सौंपा था.
सभी आवश्यक शर्तों को स्वीकार कर लिया
नये प्रस्ताव में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सभी आवश्यक शर्तों को स्वीकार कर लिया है. इसमें दरभंगा एम्स को फोरलेन की कनेक्टिविटी से जोड़ा जाना है. साथ ही यहां पर जमीन का समतलीकरण कर बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल की जानी है. केंद्र सरकार से यह भी अनुरोध किया गया है कि वह दरभंगा में नयी डिजाइन का एम्स निर्माण करावे जो स्थानीय जरूरतों को पूरा करे.
राज्य सरकार ने दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर पहले से ही जमीन के अधिग्रहण करने की कार्रवाई की जा चुकी है. एम्स निर्माण के लिए फिलहाल 189 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है. इस जमीन की भराई, समतलीकरण और चहारदीवारी के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 309 करोड़ की स्वीकृति अप्रैल 2023 में ही कर दी थी. मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनवरी 2023 में अपनी समाधान यात्रा के दौरान चिह्नित की गयी भूमि का स्थल निरीक्षण किया था.
मार्च 2023 में कैबिनेट से मिली थी मंजूरी
मार्च 2023 में कैबिनेट से इस भूखंड को एम्स निर्माण की स्वीकृति दी गयी थी. शोभन में स्वीकृत की गयी जमीन आमस-दरभंगा फोरलेन से पांच किलोमीटर दूर है. ऐसे में यहां मरीज बिना किसी जाम में फंसे आसानी से पहुंच सकते हैं. राज्य सरकार ने इस जमीन की भराई और चाहरदीवारी निर्माण की जिम्मेवारी बिहार स्वास्थ्य एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड को सौंपी है.