तीन महीने बाद लालू के घर पहुंचे नीतीश, दही-चूड़ा से RJD-JDU के रिश्ते में लौटेगी मिठास?
करीब 3 महीने बाद आज सीएम नीतीश कुमार राजद सुप्रीमो लालू यादव के घर पहुंचे हैं। राबड़ी आवास पर मकर संक्रांति के मौके पर लालू ने चूड़ा दही भोज का आयोजन किया है। जिसमें सीएम नीतीश कुमार शामिल हुए। पूरे 90 दिन बाद राबड़ी आवास पर लालू से नीतीश की मुलाकात हुई। और कयास लगाए जा रहे हैं कि दही चूड़ा भोज से दोनों दलों राजद-जदयू के रिश्तों में और मिठास आ जाएगी। ये भोज इसलिए भी अहम है। क्योंकि बीते करीब 3 महीने बाद नीतीश कुमार राबड़ी आवास पहुंचे हैं। इससे पहले आखिरी मुलाकात राबड़ी आवस पर बीते साल 16 अक्टूबर को हुई थी। जब नीतीश कुमार लालू यादव से मिलने राबड़ी आवास पहुंचे थे।
लालू-नीतीश की मुलाकातों का दौर नंवंबर में भी चला था। जब छोटे बेटे और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ लालू यादव 3 नवंबर को सीएम हाउस नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे थे। राबड़ी आवास पर दोनों की मुलाकात बीते साल 16 अक्टूबर को हुई थी। तो वहीं आखिरी मुलाकात सीएम आवास पर 3 नवंबर को हुई थी। वहीं सीपीआई की रैली में जब नीतीश ने सीट बंटवारा में देरी के लिए कांग्रेस को खरी-खोटी सुनाई थी तो अगले दिन फिर लालू और तेजस्वी उनसे मिलने पहुंचे थे।
राबड़ी आवास पर आयोजित चूड़ा-दही भोज की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।10 क्विंटल से ज्यादा दही और पांच क्विंटल चूड़े की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा चूड़ा-दही भोज में शामिल लोगों को तिलकुट और आलू-गोभी-मटर की सब्जी भी परोसी जाएगी। चूड़ा-दही भोज के लिए राजनीतिक दिग्गजों के साथ-साथ आम कार्यकर्ताओं को भी न्योता दिया गया है। बड़ी तादाद में राजद कार्यकर्ताओं के राबड़ी आवास पर पहुंच गए हैं।
बिहार की सियासत में चूड़ा-दही भोज का विशेष महत्व रहा है। खराब सेहत के चलते इस बार 4 सालों बाद लालू यादव मकर संक्रांति पर भोज का आयोजन कर रहे हैं। जिसमें सभी दलों को नेता शामिल होते हैं। इस दौरान खुद लालू भोज परोसते हैं। बिहार में मकर संक्रांति पर भोज की पुरानी परंपरा चली आई है। जिसे हर सियासी दल के नेता निभाते आए हैं। लेकिन आज लालू यादव का चूड़ा-दही भोज काफी अहम होने वाला है। क्योंकि बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर मची रस्साकशी के बीच नीतीश कुमार और लालू की मुलाकात होगी। जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।