दरभंगा राज परिवार के ट्रस्ट के लॉकर से करोड़ों के जेवर निकालकर बेचे, ट्रस्टी और प्रबंधक अरेस्ट
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया दरभंगा की मुख्य शाखा के लॉकर में रखे करोड़ों के जेवर निकालकर बेचने का सनसनीखेज मामला मंगलवार को प्रकाश में आया। कामेश्वर सिंह रिलीजियस ट्रस्ट की ओर से लॉकर में जेवर रखे गए थे। मामले में महाराज कामेश्वर सिंह के पौत्र व कुमार शुभेश्वर सिंह के पुत्र कपिलेश्वर सिंह ने मंगलवार को विश्वविद्यालय थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। इसके बाद पुलिस ने कामेश्वर सिंह रिलीजियस ट्रस्ट के अटॉर्नी उदय नाथ झा उर्फ विष्णु जी और मैनेजर केदार नाथ मिश्र को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है।
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने दरभंगा टावर स्थित स्वर्ण व्यवसायी लालो साह के हाथों आभूषण बेचने की बात कबूली। इसके बाद पुलिस ने दरभंगा टावर स्थित स्वर्ण शृंगार ज्वेलर्स में छापेमारी कर दो किलो सोना, 35 किलो चांदी और कई जवाहरात बरामद किये। पुलिस स्वर्ण शृंगार ज्वेलर्स के मालिक लालो साह को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। बताया जाता है कि व्यवसायी ने करीब 88 लाख रुपए के जेवरात खरीदने की बात कबूली है।
ट्रस्ट के लॉकर में रखे गए हैं राज परिवार के 108 मंदिरों की प्रतिमाओं के जेवर
रामबाग निवासी कपिलेश्वर सिंह की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि उन्हें ट्रस्ट के कई लोगों ने जानकारी दी कि कामेश्वर सिंह रिलीजियस ट्रस्ट की ओर से देशभर में संचालित 108 मंदिरों के देवी-देवताओं के सोने और चांदी के करोड़ों के आभूषण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पुलिस लाइन के सामने स्थित मेन ब्रांच के लॉकर में रखे गए थे। आरोप के अनुसार, ट्रस्ट के अटॉर्नी उदय नाथ झा और मैनेजर केदार नाथ मिश्र ने एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर गुपचुप तरीके से लॉकर से आभूषण निकाल लिये। इस घटना को 15-20 दिनों पहले अंजाम दिया गया। एफआईआर में उन्होंने कहा है कि महारानी काम सुंदरी कामेश्वर रिलीजियस ट्रस्ट की एकमात्र ट्रस्टी हैं। महारानी काफी वृद्ध हो चुकी हैं और वे अल्जाइमर की शिकार हैं। इस वजह से वह होशो-हवास में नहीं रहती हैं। इस कारण मामले को लेकर उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई है।
इधर, स्वर्ण व्यवसायी के पुत्र कुणाल कुमार ने जेवरात खरीदने की बात स्वीकार की है। उन्होंने बताया कि दो लोग कुछ जेवरात लेकर उनकी दुकान पर आए थे। उन लोगों ने कहा कि उन्हें पैसे की आवश्यकता है। इस वजह से वे कुछ टूटे- फूटे जेवरात बेचना चाहते हैं। ये सुनकर उन्होंने उन लोगों से जेवरात ले लिए। गलाने के बाद उनकी कीमत करीब 88 लाख रुपये आंकी गई। उन्हें मंगलवार को ही चेक देने वाले थे। इसी बीच पुलिस पहुंच गई और मुझे और मेरे पिता को थाने ले आई।
दरभंगा राज परिवार के कुमार कपिलेश्वर सिंह की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के बाद ट्रस्टी और प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया गया है। जेवरात खरीदने वाले दुकानदार को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। दुकान में छापेमारी कर दो किलो सोना और 35 किलो चांदी बरामद की गई है। जांच अभी जारी है।
– अमित कुमार, सदर एसडीपीओ