मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में कुल 14 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी है. नीतीश कुमार ने पंचायती राज विभाग के लिए खजाना खोल दिया है. राज्य के 2165 ग्राम पंचायतों में नए पंचायत सरकार भवन बनाए जाएंगे. इसके लिए सरकार ने कुल 6010 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. नए पंचायत सरकार भवनों में से 1082 भवन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जबकि 1083 भवन सामान्य क्षेत्रों में बनाए जाएंगे.
कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य में 8053 ग्राम पंचायतें हैं. इनमें चरणवार पंचायत सरकार भवनों का निर्माण किया जाना है. अब तक 4236 पंचायत सरकार भवनों के निर्माण की मंजूरी मिल चुकी है. उन्होंने बताया कि पंचायत सरकार भवनों का डिजाइन भी तैयार कर लिया गया है.
प्रत्येक पंचायत सरकार भवन में निर्वाचित प्रतिनिधियों और पंचायत स्तर के कर्मियों के लिए बैठने की जगह, ग्राम कचहरी का न्यायालय कक्ष, अभिलेखों के संरक्षण के लिए स्थान, स्टोर, पंचायत स्थायी समितियों की बैठकों के लिए हॉल, नागरिकों के लिए स्वागत कक्ष, महत्वपूर्ण कर्मियों के लिए आवासीय खंड, कम्प्यूटरीकृत सेवाएं प्रदान करने के लिए सेवा केंद्र, स्टोर, पेंट्री और शौचालयों का प्रावधान किया गया है.
मालूम हो कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दो अतिरिक्त बड़े हॉल का भी प्रावधान किया गया है. ऐसे में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 8924 वर्गफीट में हर पंचायत सरकार भवन के निर्माण पर कुल दो करोड़ 86 लाख 30 हजार खर्च की जायेगी. सामान्य क्षेत्रों में 6600 वर्ग फीट में एक करोड़ 99 लाख 92 हजार की लागत से पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जायेगा.
राज्य के 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को फिजिकल मोड में इंटर्नशिप की मंजूरी दे दी गई है. चार वर्षीय बीटेक पाठ्यक्रम के सातवें सेमेस्टर के छात्रों को आठ सप्ताह की इंटर्नशिप के बदले 10,000 रुपये की एकमुश्त राशि दी जाएगी. सातवें सेमेस्टर के इच्छुक विद्यार्थियों को राज्य सरकार द्वारा संचालित परियोजनाओं में प्राथमिकता के आधार पर इंटर्नशिप करायी जायेगी.
इंटर्नशिप करने वाले छात्र निगम, बोर्ड, सोसायटी के अलावा पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, पीएचईडी, जल संसाधन विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और ऊर्जा विभाग जैसे संगठनों में इंटर्नशिप कर सकेंगे. इंटर्नशिप करने वाले छात्रों को इंटर्नशिप के दौरान एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करनी होगी. संपूर्ण प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा करने और संस्थान स्तर पर गठित समिति द्वारा इसका मूल्यांकन करने के बाद छात्र के बैंक खाते में राशि को ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
इंटर्नशिप करने वाले छात्र को लैपटॉप की व्यवस्था स्वयं करनी होगी, जबकि चिन्हित विभाग, निगम, बोर्ड और सोसायटी कार्यस्थल पर इंटरनेट और प्रशिक्षण के लिए अन्य आवश्यक सामान उपलब्ध कराएंगे. सातवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों को विकसित किए जा रहे ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा.
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