बिहार: फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस को सता रहा विधायकों के टूटने का डर, टूर पर भेजने का बन रहा प्लान
बिहार विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने को लेकर कांग्रेस अपने विधायकों को दिल्ली में बुला ली है. शनिवार को पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दिल्ली पहुंचनेवाले सभी विधायकों के साथ बात की. विश्वासमत के दौरान पार्टी को एकजुट रखने और किसी प्रकार की टूट से बचाने को लेकर बिहार के कांग्रेस विधायकों प्रदेश से बाहर रखा जायेगा. कांग्रेस के विधायक बिहार विधानसभा के सत्र आरंभ होने के समय पटना पहुंचेंगे.
खरगे की बैठक में 3 विधायक नहीं पहुंचे!
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि आलाकमान द्वारा शनिवार को पार्टी के सभी विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को बुलाया गया था. इस बैठक में पार्टी के तीन विधायक नहीं पहुंचे. शनिवार को दिल्ली की बैठक में शामिल नहीं होनेवाले विधायकों में मनोहर प्रसाद सिंह, सिद्धार्थ और अररिया के विधायक आबिदुरहमान शामिल हैं. आबिदुरहमान ने अररिया में अपनी पुत्री के ऑपरेशन के कारण नहीं पहुंचने का हवाला दिया. इसमें सिद्धार्थ रविवार को दिल्ली पहुंच सकते हैं.
मल्लिकार्जुन खरगे ने दिया एकजुट रहने का मंत्र
सूत्रों का कहना है कि शाम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने औपचारिक बात की. साथ ही सभी विधायकों को एकजुट रहने का मंत्र दिया. विधायकों के साथ वह रविवार को भी बैठक करेंगे. बता दें कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह दिल्ली रवाना होने से पहले शनिवार को पटना स्थित राबड़ी आवास पहुंचे थे जहां उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई थी.
विधायकों को शिमला भेज सकती है कांग्रेस!
बताया जा रहा है कि बैठक के बाद बिहार के कांग्रेस के सभी विधायकों को किसी अज्ञात जगह पर भेज दिया जायेगा. यह उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस के विधायकों को शिमला भेजा जा सकता है. इसके बाद बिहार की बदली परिस्थिति में जिस दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत एनडीए सरकार बहुमत का प्रस्ताव पेश करेगी उस दिन ही कांग्रेस के विधायक बिहार लौटेंगे. आलाकमान ने अपने विधायकों को लोकसभा चुनाव में सीटों की शेयरिंग को लेकर दिल्ली में बैठक बुलायी थी. अब कांग्रेस विधायकों को बाहर ही रोककर रखा जायेगा.
बिहार में बदला सियासी समीकरण
गौरतलब है कि बिहार में अब सियासी समीकरण बदल गया है. जदयू ने महागठबंधन से खुद को अलग कर लिया. एनडीए की सरकार सूबे में बनी है. अब नयी सरकार विश्वास मत हासिल करेगी. इस बीच एनडीए के नेताओं ने दावा किया है कि कांग्रेस के कई विधायक उनसे संपर्क में है. इस दावे के बाद अब कांग्रेस किसी भी तरह की टूट से पार्टी को बचाने के लिए सावधानी बरत रही है. इसी क्रम में विधायकों को बिहार से बाहर रखा जा रहा है.
भाजपा ने साधा निशाना
वहीं कांग्रेस के विधायकों को बिहार से दूर रखने के इस फैसले पर भाजपा ने निशाना साधा है. बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस के लोग भयभीत हैं. ये डरे हुए हैं. विधायकों का अपमान करते हैं. उनपर विश्वास नहीं करते. विधायक को बांधकर रखने वाले व बंधुआ मजदूर बनाकर रखने मानसिकता से कांग्रेस को बाहर निकलना चाहिए.