‘कठिन रहा प्रश्न पत्र का लेवल’ सक्षमता परीक्षा के सवाल देख शिक्षकों के छूटे पसीने, बोले- हमें नौकरी से निकालने की तैयारी
बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा परेशानी का सबब बनता जा रहा है. पहले जहां नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा में शामिल होने से इनकार करते हुए इसका जबर्दस्त विरोध किया था तो वहीं दूसरी तरफ बिहार सरकार ने 26 फरवरी से अलग-अलग जिलों में साक्षमता परीक्षा की शुरुआत की. इस दौरान पहले दिन ही साक्षमता परीक्षा के सवाल देखकर शिक्षकों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया.
सक्षमता परीक्षा में कठिन सवाल पूछे जाने को लेकर शिक्षक काफी नाराज दिखे. परीक्षा में आए सवाल को लेकर शिक्षक संघ ने अपना आक्रोश जताया और कहा कि मामूली परीक्षा बोलकर शिक्षकों को अपमानित किया जा रहा है. आक्रोशित शिक्षकों ने कहा कि मामूली परीक्षा के नाम पर बीपीएससी और यूपीएससी लेवल का सवाल पूछा गया है. शिक्षक संघ ने आक्रोशित शिक्षकों के समर्थन में कहा कि यह बिहार के नियोजित शिक्षकों को नौकरी से निकलने की साजिश है. शिक्षक नेता ने नीतीश कुमार से मांग की और कहा कि शिक्षकों का शोषण बंद हो और उनका वाजिब हक बगैर किसी शर्त के दिया जाए.
इससे पहले सोमवार को बिहार के अलग-अलग जिलों के केंद्र पर हुई सक्षमता परीक्षा में भी शिक्षकों का आक्रोश देखने को मिला. दरअसल शिक्षकों को भी परीक्षा के पहले मैट्रिक और इंटर की परीक्षा देने वाले छात्रों की तरह चेक करके ही केंद्रो में प्रवेश दिलाया गया, साथ ही उनसे जूते-मौजे के साथ-साथ अन्य चीज भी खुलवा दी गई. महिला शिक्षकों ने कहा कि उन्हें परीक्षा से डर नहीं लगता है लेकिन स्थानांतरण को लेकर डर है.
वहीं महिला शिक्षकों ने कहा कि इस बार परीक्षा से हम अपमानित महसूस कर रहे हैं क्योंकि हमने पहले भी कई बार परीक्षाएं दी हैं और हमें बार-बार परीक्षा देने को कहा जाता है. मुजफ्फरपुर में सक्षमता परीक्षा देने आए नियोजित शिक्षकों ने कहा कि समझ में नहीं आ रहा है कि इन लोगों ने ऐसा क्यों किया. शिक्षकों ने कहा कि हम सभी लगातार शिक्षकों के हित में इस परीक्षा का विरोध कर रहे हैं.