मुझे तो CM बनाया जा रहा था, अब अन्याय तो मत करो; जीतनराम मांझी बनाने लगे नीतीश कुमार पर दबाव
बिहार में नीतीश कुमार के पालाबदल के बाद अब एनडीए की सरकार है। नीतीश कुमार फिर से सीएम बन गए हैं और भाजपा के सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा डिप्टी सीएम हैं। लेकिन कैबिनेट के विस्तार में देरी हो रही है। इस बीच जीतनराम मांझी ने दावा ठोकते हुए कहा है कि उनकी HAM पार्टी को दो मंत्री पद मिलने चाहिए।
जीतनराम मांझी ने कहा, ‘हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा को दो मंत्री पद मिलना चाहिए। यह सांमजस्य के लिए भी जरूरी है।’ जीतनराम मांझी ने कहा कि मेरी पार्टी से अनिल कुमार सिंह को भी मंत्री बनाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे महागठबंधन के तरफ से सीएम का ऑफर मिला था, लेकिन मैंने उसे ठुकरा दिया।
मांझी ने कहा कि जब मैं महागठबंधन से सीएम का पद ठुकरा चुका हूं तो फिर दो मंत्री पद न मिल पाना हमारे साथ अन्याय होगा। मांझी ने कहा कि मैंने अपनी बात अमित शाह, नीतीश कुमार और नित्यानंद राय सहित अन्य नेताओं से रखी है। उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी को पैसा और पद से नहीं तौला जा सकता है, इसलिए मैं एनडीए के साथ हूं। जीतनराम मांझी को नीतीश कुमार ने करीब 6 महीने के लिए मुख्यमंत्री भी बनाया था। इसके बाद वह पद पर बने रहने पर अड़ गए थे और उन्हें पद से हटाना भारी पड़ गया था। सीएम पद छोड़ने के बाद जीतनराम मांझी ने अपनी नई पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा का गठन कर लिया था।
दरअसल नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्रियों के साथ ही जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन भी मंत्री बनें हैं। लेकिन मांझी अब एक और पद चाहते हैं। माना जा रहा है कि जीतनराम मांझी लोकसभा सीटों के बंटवारे में भी दो का दावा कर सकते हैं। अब तक चर्चा है कि ज्यादा से ज्यादा एक सीट ही उन्हें दी जा सकती है।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में जीतनराम मांझी की पार्टी के 4 विधायक हैं। वह लंबे समय से भाजपा के साथ बने हुए हैं और पिछले दिनों तो उनकी विधानसभा में नीतीश कुमार से बहस भी हो गई थी। इस दौरान नीतीश कुमार ने उन पर हमला बोल दिया था और जीतनराम मांझी ने उन पर हमला बोलते हुए कहा था कि मैं दलित हूं, इसलिए मेरा अपमान हो रहा है।