बिहार में JDU को बड़ा झटका, पूर्व मंत्री सह राष्ट्रीय महासचिव अली अशरफ फातमी ने दिया इस्तीफा; RJD में होंगे शामिल
लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में नेताओं का एक दूसरे दल में आने जाने का सिलसिला शुरू हो गया है. इस बीच मंगलवार की दोपबर बिहार के राजनीति गलियारे से बड़ी खबर आई जहां एक बार फिर से बिहार के बड़े मुस्लिम नेता ने घर वापसी की. दरभंगा के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने जदयू को छोड़ राजद का दामन थाम लिया है और चुनावी मैदान में उतरने का मन बना लिया है. अली अशरफ फातमी ने पत्र लिख कर खुद को जदयू से अलग कर लिया है.
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेहद खास रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी की घर वापसी पर अब बिहार की राजनीति में नया मोड़ आने वाला है. 28 जुलाई 2019 पूर्व केन्द्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में आस्था जताते हुए जदयू का दामन थामा था. समर्थकों समेत उन्होंने प्रदेश जदयू अध्यक्ष व सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह से पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. बताया जाता है कि जिन शर्तों से वो जदयू में शामिल हुए थे उसे पूरा नहीं किया जा रहा था.
उन्हें राज्यसभा से सांसद बनाने का वादा खुद नीतीश कुमार ने किया था. फातमी हाल में नीतीश कुमार के NDA से समझौता के बाद खुद को असहज महसूस कर रहे थे और उनकी लोकसभा से उम्मीदवारी की मंशा पर भी पानी फिरता दिख रहा था. अली अशरफ फातमी ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पत्र लिख कर सभी पदों के साथ प्राथमिक सदस्यता से भी खुद को अलग कर लिया है. उन्होंने नैतिक मूल्यों के रक्षा का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा दे दिया है. जो सूत्र बता रहे हैं उसके मुताबिक मोहम्मद अली अशरफ फातमी को मधुबनी से लोकसभा के लिए राजद पार्टी उम्मीदवार बनाने जा रहा है.
अब तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक 20 या 21 मार्च को फातमी RJD का दामन थाम सकते हैं. मोहम्मद अली अशरफ़ फ़ातमी फातमी मुस्लिम समाज के बड़े नेता माने जाते रहे हैं और मधुबनी लोकसभा में पांच लाख से ऊपर मुस्लिम वोटर हैं, ऐसे में राजद अली अशरफ फातमी को अपने साथ ला कर मधुबनी सीट जीतने का दांव खेलने जा रहा है. अली अशरफ फातमी 4 बार बिहार के दरभंगा से सांसद रहे हैं. वो 10वीं, 11वीं, 12वीं, 14वीं लोकसभा में सदस्य रहे हैं साथ ही 2004 से 2009 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रहे.