बिहार के बाहुबली और डॉन के नाम से मशहूर अशोक महतो की बीवी अनीता देवी को आरजेडी ने मुंगेर से टिकट दिया है। राजद अध्यक्ष लालू यादव ने खुद उन्हें पार्टी सिंबल दिया है। जिसके बाद अब मुंगेर की सीट से डॉन की पत्नी का चुनाव लड़ना तय हो गया है। बीती रात राबड़ी आवास पर अनीता देवी ने राजद सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात की। आपको बता दें 3 दिन पहले से अशोक महतो की अनीती देवी से शादी हुई है। और अभी हाथों की मेहंदी छूटी भी नहीं, लालू की पार्टी आरजेडी ने मुंगेर से उन्हे प्रत्याशी बना दिया है।
फिलहाल अब ये तय हो गया है कि ललन सिंह की मुंगेर लोकसभा सीट से डॉन अशोक महतो की पत्नी आरजेडी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगी। अभी तक नीतीश की जेडीयू ने प्रत्याशियों के नाम फाइनल नहीं किए हैं। लेकिन ये तय माना जा रहा है कि मुंगेर से ललन सिंह ही चुनाव लड़ेंगे। हालांकि जब ललन सिंह ने बीते साल जदयू के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। तब बीजेपी के नेताओं ने कहा था कि लालू यादव से उनकी बढ़ती करीबियों के चलते नीतीश ने ललन सिंह से जदयू की कमान अपने हाथों में ले ली थी। बीजेपी के नेताओं ने आरोप लगाया था कि लालू यादव के बेटे तेजस्वी को ललन सिंह सीएम बनाने की कोशिश कर रहे थे।
डॉन अशोक महतो की पत्नी को मुंगेर से आरजेडी का टिकट मिलने के बाद अब इस सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है। जब महागठबंधन की ,सहयोगी पार्टी कांग्रेस सीट बंटवारे से पहले प्रत्याशियों को पार्टी सिंबल देने से खफा चल रही है। और अभी तक सीटों की फाइनल डील तय नहीं हो पाई है। फिलहाल अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी को लालू यादव का आशीर्वाद मिल चुका है।
अशोक महतो तब अचानक चर्चा में आ गए जब खरमास में 62 साल की उम्र में अचानक शादी रचा ली वो भी अपने से 16 साल छोटी अनीता देवी से। और फिर आशीर्वाद लेने लालू यादव से मिलने पहुंच गए। जिसके बाद से सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो गई कि अशोक महतो लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने की जुगाड़ में लगे हैं। दरअसल आपराधिक मामलों में सजायाफ्ता होने के चलते अशोक महतो चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। जिसके चलते उन्होने 62 साल की उम्र में शादी रचा ली। और अब उनकी पत्नी मुंगेर के सियासी मैदान से चुनाव लड़ेंगी।
अशोक महतो साल 2001 में हुए नवादा जेल कांड में 17 साल की जेल की सज़ा काट चुके हैं। जिसमें तीन पुलिसवालों की हत्या कर उसके गैंग के साथी उसे भगा ले गए थे। हालांकि 2006 में पुलिस ने फिर अशोक महतो को गिरफ्तार कर लिया था। बीते साल ही वो जेल से बाहर निकले हैं। कानून के मुताबिक दो साल से अधिक की सज़ा पाया व्यक्ति जेल से निकलने के छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता। जिसके चलते अशोक महतो ने ये हथकंड़ा अपनाया। डॉन अशोक की शादी को सियासी मैरिज करार दिया जा रहा है।
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