चिलमरवा हत्याकांड में माले के दो विधायक सहित आठ आरोपितों को सुनवाई के बाद साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। तृतीय अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सह एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायधीश नरेन्द्र कुमार की अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाया।इसके पहले न्यायालय ने इस कांड की सुनवाई करने के बाद फैसले की तिथि 30 मार्च निर्धारित की थी। इस कांड में भाकपा माले के दरौली विधायक सत्यदेव राम, जीरादेई के विधायक अमरजीत कुशवाहा समेत अन्य को आरोपित किया गया था। अदालत में करीब दो बजे निर्णय सुनाया गया।
गौरतलब है कि 6 जुलाई 2013 को चिलमरवा हत्याकांड हुआ था। इसमें बलौर गांव के राजनारायण सिंह उर्फ राजू सिंह व सोहगरा निवासी मुकेश सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी। जबकि, विशवार गांव के घनश्याम मिश्रा जख्मी हो गए थे। इसमें बेलौर गांव निवासी व मृतक राजू सिंह के पिता अमर सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी। दरौली विधानसभा के विधायक सत्यदेव राम, जीरोदेई के माले विधायक अमरजीत कुशवाहा, विश्राम मांझी, लोरिक राम, दिनेश राम, उदय भान राम, रामकिशुन राम उर्फ बेंगा व छोटे लाल शर्मा समेत अन्य को आरोपित किया गया था।
गुठनी थाना क्षेत्र के चिलमरावा गांव में 06 जुलाई 2013 को हुए दोहरे हत्याकांड में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह एमपी- एमएलए कोर्ट के जज नरेन्द्र कुमार की अदालत में शनिवार को फैसला सुनाया गया। बहुचर्चित हत्याकांड मामले में आरोपित दो माले विधायक सहित आठ आरोपितों पर फैसला को सुनने के लिए सुबह से ही कोर्ट परिसर के बाहर कार्यकर्ताओं की गहमा गहमी रही। दूसरे पक्ष के लोग भी फैसले को लेकर कोर्ट परिसर पहुंचे थे। वहीं, दोपहर के करीब 01 बजे दोनों माले विधायक अमरजीत कुशवाहा व सत्यदेव राम कोर्ट में पहुंचे।
बाहर खड़े समर्थकों की भीड़ न्यायालय की कार्रवाई पर नजर बनाए हुए थी। हालांकि दूरी होने के कारण कुछ स्पष्ट नहीं सुनाई दे रहा था। बावजूद इसके चेहरे के हावभाव से सभी कयास लगाते रहे। काफी इंतजार के बाद दोपहर के करीब दो बजे के बाद न्यायालय द्वारा दोषमुक्त का फैसला सुनाने के बाद कोर्ट परिसर में मौजूद कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गयी। कोर्ट परिसर के बाहर दोनों माले विधायकों को फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। वहीं, विधायक भी कोर्ट के निर्णय से काफी खुश दिखे और दोनों हाथ जोड़कर लोगों को नमन करते दिखे। वहीं, कार्यकर्ता तालियां बजाकर स्वागत करते रहे।
दरौली से माले विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि न्यायालय पर पहले से ही भरोसा था और न्यायालय ने आज न्याय दिया है। इससे न्यायालय पर सभी का विश्वास और बढ़ेगा। वहीं जीरादेई माले विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि चिल्मरवा कांड में राजनीतिक साजिश के तहत हमें फंसाया गया था। लेकिन न्यायालय पर हमें पूरा भरोसा था। इसका परिणाम रहा कि कोर्ट ने आज हम सभी को न्याय देते हुए रिहा कर दिया।
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