पशुपति पारस ने लिया यू-टर्न: फिर से ‘मोदी के परिवार’ में वापस लौटे पूर्व केंद्रीय मंत्री, बिहार एनडीए के समर्थन की घोषणा
एनडीए में सीट बंटवारे के बाद से राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस खासे नाराज चल रहे थे. उनके महागठबंधन में जाने की अटकलें थी. लेकिन सोशल मीडिया एक्स लगातार दो पोस्ट डालकर पारस ने अपना रुख साफ कर दिया है.
पशुपति पारस ने लिया यू-टर्न:
उन्होंने लिखा है हमारी पार्टी रालोजपा, एनडीए का अभिन्न अंग है! माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी हमारे भी नेता हैं और उनका निर्णय हमारे लिए सर्वोपरि है एवं उनके नेतृत्व में एनडीए पूरे देश में 400+ सीट जीतकर तीसरी बार रिकॉर्ड तोड़ बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी.
‘हमारी पार्टी का पूर्ण समर्थन है और रहेगा’:
वहीं पारस ने आगे लिखा है बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त करने में हमारी पार्टी का पूर्ण समर्थन है और रहेगा.
सीट नहीं मिलने से नाराज थे पारस:
बता दें कि एनडीए में पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं दी गई और भतीजे चिराग पासवान के खाते में पांच सीटें चली गई. इसके बाद पारस ने नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. साथ ही उन्होंने एनडीए पर पार्टी को तरजीह नहीं देने का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं पशुपति पारस ने बगावत करते हुए हाजीपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था. उन्होंने ये भी कहा था कि प्रिंस राज समस्तीपुर से और नवादा से चंदन सिंह चुनाव लड़ेंगे. लेकिन अब पारस के रुख में नरमी देखने को मिल रही है.
अमित शाह ने समझौते की गुंजाइश से किया था इनकार :
पशुपति पारस के साथ उनके सांसद भी नजर नहीं आ रहे थे. प्रिंस राज से लेकर चंदन सिंह तक उनके पीसी में दिखाई नहीं दिए थे. वीणा देवी और महबूब अली कैसर ने पहले ही साथ छोड़ दिया था. ऐसे में पारस अलग-थलग पड़ गए थे. वहीं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी साफ कर दिया था कि अब समझौते की गुंजाइश नहीं है.