बिहार में एक विद्यालय भवन के कमरे को एक प्रधानाध्यापिका द्वारा घर के रूप में प्रयोग किए जाने का मामला सामने आया है। इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित होने के बाद इस मामले को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है।
डीएम राकेश कुमार रविवार को उक्त प्रकरण की जांच करने के लिए विद्यालय पहुंच गए। मौके पर पहुंचकर उन्होंने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका शीला हेंब्रम से पूछताछ की। उन्होंने तल्ख तेवर में कहा कि विद्यालय भवन का उपयोग सिर्फ शैक्षणिक कार्य के लिए होना चाहिए, न कि अन्य कार्यों के लिए।
डीएम ने गलती न दोहराने की दी हिदायत
उन्होंने शिक्षिका को भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति नहीं होने की हिदायत दी। मौके पर जिला शिक्षा पदाधिकारी कपिलदेव तिवारी भी साथ थे। जानकारी के अनुसार जमुई में एक प्रधानाध्यापिका द्वारा उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बरदौन के भवन के कमरे का आशियाने के रूप में उपयोग किया जा रहा था।
इस बात की भनक पहले मिल जाने के कारण प्रधानाध्यापिका ने सारा सामान निकाल कमरे को खाली कर दिया था। बता दें कि उच्च माध्यमिक विद्यालय, बरदौन की प्रधानाध्यापिका शीला द्वारा स्कूल भवन के कमरे को आशियाने के रूप में उपयोग किए जाने से संबंधित खबर मीडिया में आई थी। स्कूल के कमरे में सोने के लिए बेड, अलमारी, टीवी, रसोई का सामान रखे होने का वीडियो भी प्रसारित हुआ था।
स्कूल में बच्चों से कराई मजदूरी
उधर, उच्च विद्यालय गरही विशनपुर में बच्चों से मजदूर का काम लिए जाने की तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं, जिनमें देखा जा रहा है कि आपूर्तिकर्ता द्वारा बेंच उपलब्ध कराने के बाद विद्यालय के कुछ बच्चे उसे कंधे या फिर हाथ में उठाकर विद्यालय भवन के प्रथम तल पर ले जा रहे हैं।
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