वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने सीएम नीतीश को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि, लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर इन दिनों आप काफी व्यस्त होंगे। आशा है इस चुनावी भागदौड़, भीषण गर्मी में पार्टी का नेतृत्व और बिहार जैसे बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बीच आप स्वस्थ होंगे। आप स्वस्थ और सानन्द रहे , यही मेरी कामना है। आपकी बढ़ती उम्र और कार्यों के बोझ को देखते हुए मैं सदैव आपके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहता हूँ। हाल के दिनों में जिस तरह आप सार्वजनिक मंचों से बयान देते रहे हैं, उससे मेरी चिन्ताएं बढ़ना लाजिमी है।
अब आप बिहार के मुख्यमंत्री जैसे ऊंचे पद पर काबिज हैं और जब आपके तरफ से कुछ ऐसे बयान दिए जाते हों, जिसे लोग अपने बच्चों के साथ सुन भी नहीं सकते हैं, तो एक बिहारी होने के नाते कष्ट होता है। दरअसल, आपके शर्मनाक बयानों से बिहार के लोगों को देश और दुनिया में लज्जित और अपमानित होना पड़ता है। अब आप खुद देखिए, कल कटिहार में जिस तरह आप अपने दोस्त और राजद के अध्यक्ष श्री लालू प्रसाद जी और उनकी पत्नी और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी के लिए जिस तरह का बयान दिया, क्या कोई सभ्य व्यक्ति सार्वजनिक मंचों से ऐसा बयान दे सकता है?
यही नहीं आपने बिहार विधानसभा में भी जिस तरह जनसंख्या नियंत्रण के संदर्भ में महिलाओं को लेकर बयान दिया था, उसे क्या कोई सभ्य समाज के लोग अपने बच्चों के साथ बैठकर सुन सकते हैं। यह अलग बात है कि उस बयान के लिए आपने सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली थी। लेकिन, आप हम सभी लोगों के अभिभावक हैं और अभिभावकों को आदर्श मानते हुए लोग आपका अनुकरण करते हैं। क्या आप आने वाली पीढ़ी को ऐसी ही भाषा का ज्ञान देना चाहते हैं? मुख्यमंत्री, हो सकता है कि आपके शुभचिंतक इस ओर आपका ध्यान नहीं ले जाना चाहते होंगे। लेकिन, मै आपका शुभचिंतक हूं, ऐसे में काफी विचार कर एक सलाह देने की कोशिश की है। हो सकता है आपका स्वास्थ्य अब आपका साथ नहीं दे रहा हो और आपको इलाज की जरूरत हो। आज जो आपके राजनीतिक सहयोगी हैं वे भी पहले ऐसी ही सलाह आपको देते रहे थे, लेकिन शायद अब कुछ राजनीतिक लाभ का कारण वे अब यह उचित सलाह नहीं दे पा रहे हैं।
मेरा आपसे आग्रह है कि जिस तरह आप सार्वजनिक मंचों से बयान दे रहे हैं वैसा कोई बीमार व्यक्ति ही बयान दे सकता है। बीमारी कई प्रकार के हो सकते हैं। ऐसे में अनुरोध है कि आप अपना उचित इलाज कराएं, जिससे आपके बयानों के कारण बिहार के लोगों को लाज्जित और शर्मिंदा नहीं होना पड़े। मुख्यमंत्री जी, आपकी पार्टी के कुछ लोग वीआईपी द्वारा निषाद जाति से प्रत्याशी नहीं दिए जाने से बेचैन हो रहे हैं। मेरी उन्हें भी सलाह है कि वे निषादो की चिंता ना ही करें, तो बेहतर है। निषादों के आरक्षण नहीं दिए जाने के कारण ही भाजपा से गठबंधन नहीं किया। निषादों के अधिकार और संघर्ष के लिए हमारी पार्टी के संस्थापक ‘सन ऑफ मल्लाह’ मुकेश सहनी जी संघर्ष कर रहे हैं। उनकी प्राथमिकता ही निषाद का विकास है। ऐसे में किसी और को उनकी चिंता करने की जरूरत नहीं है। ऐसे लोगों को अपनी पार्टी और नेता की चिंता करनी चाहिए। ऐसे में आशा करता हूँ कि आप मेरी बातों पर अमल करेंगे और इलाज कराकर पूर्णतः स्वस्थ होकर हमलोगों के बीच वापस आएंगे।
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