बिहार में NOTA का विकल्प चुनने वाले बढ़े, आंकड़ों में देख लीजिए समस्तीपुर में 2014 और 2019 में कितने मतदाताओं ने दबाई ये बटन
यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े
लोकसभा चुनावों में ऐसे मतदाताओं की संख्या भी अच्छी-खासी होती है जिन्हें कोई उम्मीदवार पसंद नहीं आता। बीते चुनावों में पड़े मत से यह स्पष्ट होता है। स्थिति ऐसी रही है कि कुल पड़े मतों का पांच प्रतिशत तक नोटा के पक्ष में गया है। एक बात और कि जहां उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा रही है वहां नोटा को कम वोट लेकिन जहां उम्मीदवार कम रहे वहां नोटा को ज्यादा मत पड़े। उम्मीदवारों की सूची में ही नोटा का नाम दर्ज है। औसतन एक से डेढ़ प्रतिशत तक मत नोटा को मिले।
2014 से ज्यादा 19 में नोटा को पड़े मत
2014 के लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र के सर्वाधिक मतदाताओं को 12 में से एक भी उम्मीदवार पसंद नहीं आए थे। नोटा को 29,211 मत पड़े थे। महाराजगंज, बेगूसराय, खगड़िया, औरंगाबाद, गया, जमुई के मतदाताओं ने भी नोटा के पक्ष में खूब बटन दबाए थे।
वहीं कटिहार, नालंदा एवं पाटलिपुत्र के वोटरों का सबसे कम वोट नोटा के पक्ष में गया था। इसके अगले चुनाव 2019 में नोटा के प्रति मतदाताओं का रुझान चौंकानेवाला रहा। गोपालगंज में नोटा के पक्ष में पांच प्रतिशत से ज्यादा मत पड़े थे। ऐसे कई लोकसभा क्षेत्र रहे जहां नोटा को तीन प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे।
2014 में सर्वाधिक नोटा वाले लोकसभा क्षेत्र :
लोकसभा / नोटा के पक्ष में वोट (प्रतिशत)
समस्तीपुर-3.38
महाराजगंज- 2.76
दरभंगा-2.54
जमुई-2.52
सिवान-2.42
सुपौल-2.27
सारण-2.22
पश्चिमी चंपारण-2.20
मधुबनी-2.20
यहां नोटा में कम पड़े वोट :
कटिहार-0.34
सीतामढ़ी-0.66
झंझारपुर-0.85
वैशाली-0.65
उजियारपुर-0.72
नालंदा-0.59
पटना साहिब-0.88
पाटलिपुत्र-0.48
नवादा-0.85
2019 के लोकसभा चुनाव में नोटा पर दबे बटन :
गोपालगंज-5.03
प चंपारण-4.51
जमुई-4.16
नवादा-3.72
समस्तीपुर-3.47
जहानाबाद-3.37
मधेपुरा-3.35
वाल्मिकीनगर- 3.33
गया-3.14
भागलपुर-3.03
सारण- 3
औरंगाबाद-2.4
यहां के मतदाताओं को कम भाया नोटा :
पटना साहिब-0.52
मधुबनी-0.58
पाटलिपुत्रा-0.61
बांका-0.67
शिवहर-0.7
खगड़िया- 0.79
नालंदा-0.82
सुपौल-0.84
वैशाली-0.86
सिवान- 0.86
मुजफ्फरपुर-0.87
झंझारपुर-0.87
सीतामढ़ी-0.99
मुंगेर-0.94
पू चंपारण-2.27