बिहार में गर्मी छुट्टी के दौरान खुले रहेंगे सरकारी स्कूल:9वीं-11वीं के छात्रों के लिए विशेष कक्षा का होगा संचालन, शिक्षा विभाग ने जारी किया लेटर
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने मंगलवार को नई एडवाइजरी जारी की है. इसके तहत सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि 15 अप्रैल से 15 मई के दौरान ग्रीष्मावकाश के समय विद्यालयों का संचालन जारी रहेगा. इस दौरान सामान्य कक्षाओं की छुट्टियां रहेगी लेकिन 9वीं और 11वीं के अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए विद्यालयों में विशेष कक्षाओं का संचालन किया जाएगा.
फेल छात्रों के लिए स्पेशल क्लासेज:
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि विशेष कक्षाओं का संचालन सुबह 10:00 से दोपहर 12:00 के बजाय सुबह 8:00 से तो सुबह 10:00 तक किया जाएगा. ऐसे में विद्यालयों में शिक्षकों को सुबह 8:00 बजे तक हर हाल में पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी और शिक्षा विभाग को जानकारी देनी होगी. बता दें कि सरकारी विद्यालयों में 15 अप्रैल से 15 मई तक ग्रीष्मावकाश है.
ग्रीष्मावकाश के समय भी स्कूल का संचालन:
शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारी को पत्र जारी किया है कि उनके अधिकार क्षेत्र के सभी माध्यमिक और उच्च विद्यालयों का संचालन ग्रीष्मावकाश के समय जारी रहेगा. जो बच्चे इस बार 9वीं और 11वीं की परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाए, वह विशेष कक्षा में शामिल होकर विशेष परीक्षा की तैयारी करेंगे. विद्यालयों के प्रधानाध्यापक विशेष कक्षा संचालन के समय नए बच्चों का नामांकन करेंगे और नामांकित बच्चों का विवरण ई-शिक्षा कोष पर एंट्री भी करवाएंगे.
शिक्षा विभाग का निर्देश:
इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने पत्र में यह भी निर्देश दिया गया है कि 15 अप्रैल से 15 में के अवधि में हाउसकीपिंग और अन्य साफ सफाई का कार्य भी चलता रहेगा. ICT कक्षाएं भी 8 बजे से 10 बजे तक चलती रहेगी. शिक्षा विभाग ने कहा है कि यह इसलिए भी आवश्यक है कि न सिर्फ कम्प्यूटर शिक्षण हो बल्कि ICT लैब की साफ-सफाई और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
“पूर्व में ऐसा अनुभव रहा है कि गर्मी छुट्टी के दौरान कई स्थानों पर कम्प्यूटर चोरी हुए हैं. ऐसे में ग्रीष्मावकाश के दौरान विद्यालय के लिए अन्य बुनियादी सुविधाओं जैसे आधारभूत संरचना, पेयजल आदि को उपलब्ध कराने से संबंधित कार्य भी दिनांक 15 अप्रैल 2024 से 15 मई की अवधि में चलता रहेगा.”- कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा