Bihar

पारस और समस्तीपुर के सांसद प्रिंस की नाराजगी खत्म, नड्डा से मुलाकात कर NDA के 40 उम्मीदवारों को समर्थन का दिया भरोसा

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लोकसभा चुनाव में रालोजपा को भले ही एनडीए ने बिहार में एक भी लोकसभा की सीट नहीं दी है लेकिन पशुपति पारस ने अब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को बड़ा भरोसा दिया है. पशुपति पारस और उनके भतीजे व समस्तीपुर के वर्तमान सांसद प्रिंस राज ने मंगलवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. नड्डा ने इस मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पर जानकारी दी और पशुपति से मिले खास भरोसे का ऐलान किया. नड्डा ने कहा है कि पशुपति पारस आज भी एनडीए का अंग हैं. साथ ही पीएम मोदी के नेतृत्व पर भरोसा है. ऐसे में लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों को लेकर नड्डा और पशुपति तथा प्रिंस के बीच खास बातचीत हुई.

नड्डा ने कहा, ”एनडीए में हमारे सहयोगी एवं रालोजपा के प्रमुख पशुपति पारस जी से नई दिल्ली में आवास पर मुलाकात की। एनडीए सदस्य के नाते पशुपति जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में लगातार अच्छे कार्य किए। आने वाले चुनाव में भी हमारा गठबंधन मजबूती से बना रहेगा और उनकी पार्टी बिहार में एनडीए के सभी 40 उम्मीदवारों का पूर्ण समर्थन करेगी। साथ ही उनकी जीत सुनिश्चित करने में हरसंभव सहयोग देगी।’

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की इस घोषणा के साथ ही यह तय हो गया कि पशुपति पारस अब बिहार में एनडीए के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करते दिख सकते हैं. बिहार में भाजपा 17, जदयू 16, लोजपा (रा) 5, हम 1 और आरएलएम को 1 सीट मिली है. इसमें पशुपति पारस जिस हाजीपुर सीट से पिछले चुनाव में जीते थे वहां से इस बार उनके भतीजे चिराग पासवान अपनी पार्टी लोजपा (रा) से उम्मीदवार हैं. पशुपति ने पहले हाजीपुर से चुनाव लड़ने की बातें कही थी लेकिन अब वे चुनाव से दूर हो गएहैं. साथ ही 40 सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों को समर्थन की घोषणा से यह भी तय है कि अब वे भतीजे चिराग के लिए वोट मांगते दिख सकते हैं.

इसके पहले एनडीए ने बिहार में सीटों के बंटवारे में पशुपति पारस को किनारे कर दिया था. पशुपति पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं दी थी. इससे हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया, वैशाली और नवादा में रालोजपा से जीते किसी भी सांसद को टिकट नहीं मिला. शुरू से पशुपति पारस इससे खासे नाराज दिखे थे. उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा भी दे दिया था. लेकिन अब वे बैकफुट पर नजर आ रहे हैं. पहले उन्होंने अपने नाम से सोशल मीडिया पर ‘मोदी का परिवार’ भी हटा दिया था लेकिन फिर से भाजपा को चुनाव में एनडीए को समर्थन देने का भरोसा देकर एक तरह से ‘मोदी का परिवार’ में घर वापसी कर चुके हैं.

Avinash Roy

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