बिहार के तकरीबन 78 हजार सरकारी नई व्यवस्था लागू हो गई है। इन स्कूलों में पढ़ाने वाले लगभग 5 लाख शिक्षक और प्रधानाध्यापक मंगलवार से ई-शिक्षा कोष मोबाइल ऐप से हाजिरी बनाएंगे। इन्हें दो बार हाजिरी बनानी होगी। एक बार स्कूल आने पर और दूसरी बार स्कूल से जाते समय। मोबाइल ऐप पर हाजिरी बनते ही इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भी मिल जाएगी। हालांकि, अगले कुछ दिनों तक ऑनलाइन के साथ-साथ भौतिक रूप से (रजिस्टर पर भी) शिक्षक-प्रधानाध्यापक अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। ताकि, किसी शिक्षक को शुरुआत में ऑनलाइन हाजिरी बनाने में तकनीकी दिक्कत आ रही हो तो उपस्थिति पंजी में उनकी हाजिरी दर्ज रहे। पर, आगे सिर्फ मोबाइल एप के माध्यम से ही हाजिरी बनाने की व्यवस्था रहेगी।
शिक्षा विभाग ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करने की इस नई व्यवस्था को लेकर तैयारी पूरी कर चुका है। वहीं, विभाग के आदेश पर सभी जिला और प्रखंड स्तर पर भी दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। ई-शिक्षा कोष मोबाइल ऐप से कैसे हाजिरी बनेगी, इसको लेकर भी हर जरूरी तकनीकी जानकारी वीडियो क्लिप आदि के माध्यम से शिक्षकों को दी गई है। ताकि, किसी को भी मोबाइल ऐप से हाजिरी बनाने में दिक्कत नहीं आए।
स्कूल के 500 मीटर में ही दर्ज होगी हाजिरी
विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि इस व्यवस्था के तहत शिक्षक और प्रधानाध्यापक गूगल प्ले स्टोर से ई-शिक्षाकोष एप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड करेंगे। सभी शिक्षक अपनी आईडी से ऐप पर लॉग-इन करेंगे। जिन शिक्षकों के पास पूर्व से शिक्षक आईडी उपलब्ध नहीं है अथवा भूल गये हैं, वो अपने प्रधानाध्यापक से संपर्क कर इसे प्राप्त कर सकते हैं। ई-शिक्षाकोष ऐप में लॉग-इन करने के बाद डेशबोर्ड पर अंकित ‘मार्क अटेंडेंस’ बटन को क्लिक करेंगे। स्कूल के 500 मीटर के दायरे में ही यह ऐप काम करेगा। आते समय ‘स्कूल इन’ और जाते समय ‘स्कूल आउट’ बटन को शिक्षक-प्रधानाध्यापक क्लिक करेंगे। बटन क्लिक करने के बाद शिक्षक की फोटो के साथ समय भी अंकित हो जाएगा।
प्रतिनियुक्त के लिए भी होगी यह व्यवस्था
विभाग ने कहा है कि जो शिक्षक-प्रधानाध्यापक स्कूल से अन्यत्र किसी सरकारी कार्य के लिए प्रतिनियुक्त हैं तो ऐसी स्थिति में ‘मार्क ऑन ड्यूटी’ विकल्प का चयन करते हुए बटन को क्लिक करेंगे। इन्हें भी कार्यस्थल पर आने और जाने के समय हाजिरी बनानी अनिवार्य होगी।
विभाग से होगी निरंतर मॉनिटरिंग
मोबाइल एप से हाजिरी बनाने में किसी तरह की दिक्कत आने पर विभाग के स्तर से तकनीकी सहायता देने की व्यवस्था भी की गई है। इसके लिए परियोजना प्रबंधन इकाई गठित है, जिसके पदाधिकारियों का नंबर भी शिक्षकों से साझा किया गया है। राज्यभर के स्कूलों की इस नयी व्यवस्था की विभाग के स्तर पर मॉनिटरिंग भी होगी। आगे के चरण में स्कूल में बच्चों की उपस्थिति भी ऐप के माध्यम से ही प्राप्त की जाएगी।
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