NET पेपर लीक: जांच के लिए बिहार पहुंची CBI टीम से मारपीट; नकली समझकर ग्रामीण भिड़े, गाड़ियों के तोड़े शीशे
UGC NET परीक्षा धांधली की जांच करने के लिए सीबीआई की टीम आज बिहार के नवादा जिले के कसियाडीह गांव पहुंची थी, जहां पर ग्रामीणों ने उन पर हमला बोल दिया. ग्रामीणों को शक हुआ कि सीबीआई की टीम नकली है और इसीलिए उन पर हमला किया और उनके गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए.
घटना की खबर मिलने के बाद रजौली थाना के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर सीबीआई के चार अधिकारियों को सुरक्षित निकाला. इस घटना में एफआईआर दर्ज की गई है और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में तकरीबन 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है.
शिक्षा मंत्रालय ने NEET-UG की जांच CBI को सौंपी
शिक्षा मंत्रालय ने NEET-UG परीक्षा में कथित गड़बड़ियों का मामला व्यापक जांच के लिए CBI को सौंप दिया है. राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने 5 मई 2024 को OMR (पेन और पेपर) मोड में NEET-UG परीक्षा आयोजित की थी.
बता दें कि इस परीक्षा में गड़बड़ी और धांधली का मामला सामने आया था. परीक्षा में पारदर्शिता के लिए शिक्षा मंत्रालय ने एक समीक्षा की. इसके बाद इस मामले को व्यापक जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने का फैसला किया है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने NEET और UGC-NET परीक्षाओं में कथित अनियमितता को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच भविष्य में पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए लेकर बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को अधिसूचित किया, जिसका उद्देश्य देशभर में आयोजित होने वाले प्रतियोगी और सामान्य प्रवेश परीक्षाओं में फर्जीवाड़े को रोकना है.
सरकार परीक्षाओं की पवित्रता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसमें कहा गया है कि परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले किसी भी व्यक्ति/संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि NEET-UG की परीक्षा 5 मई को देशभर के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था. परीक्षा का परिणाम 4 जून को घोषित किया गया था, रिजल्ट 10 दिन पहले ही जारी कर दिया गया था.
रिजल्ट के बाद पेपरलीक और गड़बड़ी के आरोप लगाए गए, क्योंकि 67 से अधिक छात्रों ने अधिकतम अंक प्राप्त किए, जिनमें से कुछ छात्र एक ही परीक्षा केंद्र के थे. पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में बिहार में अनियमितताओं और पेपर लीक का मामला सामने आया. इसके साथ ही कुछ उम्मीदवार सार्वजनिक रूप से सामने आए हैं, उन्होंने दावा किया है कि उन्हें परीक्षा से एक दिन पहले ही पेपर मिल गया था. इन आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और कई उच्च न्यायालयों के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिकाएं दायर की गईं.