‘अग्निवीर’ पर फिर सोचे मोदी सरकार, चिराग पासवान ने जताया इरादा; बोले- कितना लाभ हुआ, यह पता तो चले
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लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और बीजेपी एक बार फिर केंद्र में सरकार बनाने की ओर अग्रसर है। यह तय माना जा रहा है कि जवाहरलाल नेहरु के बाद नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। सरकार गठन से पहले नरेंद्र मोदी सरकार की बड़ी स्कीम अग्निवीर पर एनडीए के अंदर से दोबारा विचार की करने की मांग तेज होती दिख रही है। जेडीयू के केसी त्यागी के बाद लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस योजना पर पुनर्विचार की इच्छा व्यक्त की है।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि अगर यह योजना अपने लक्ष्य और उद्येश्य की पूर्ति में सफल है तो आगे भी जारी रहे। ऐसा नहीं तो इस पर सरकार विचार करे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी इसका उचित समय नहीं है। सरकार गठन के बाद इस पर बात हो। इससे पहले जदयू के केसी त्यागी ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में अग्निवीर योजना की समीक्षा की मांग यह कहते हुए किया कि इससे जनता में असंतोष देखा जा रहा है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव अपने चुनावी एजेंडे में ही अग्निवीर योजना का खुला विरोध कर चुके हैं।
एनडीटीवी से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में LJP आर के सुप्रीमो चिराग पासवान ने कहा कि सरकार को यह देखना चाहिए कि अग्निवीर योजना का कितना लाभ हुआ है। एनडीए हमारा एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां आपस में हम सभी मुद्दों पर बात करते हैं। अगर किसी ने इस मुद्दे को उठाया है तो उस पर विमर्श जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मीटिंग में कह चुके हैं कि वह हमेशा किसी भी डिस्कशन के लिए तैयार रहते हैं। हमारे गठबंधन के किसी पार्टी ने अगर अपनी बात रखी है तो मेरा मानना है कि हम लोगों को अग्निवीर योजना पर फिर से बात करना चाहिए।
चिराग पासवान ने कहा कि सरकार को यह पता लगाना चाहिए कि अग्निवीर स्कीम का कितना लाभ हुआ। यह मामला सीधे-सीधे युवाओं से जुड़ा है। अपने लक्ष्य उद्देश्यों के मुताबिक अगर यह योजना युवाओं के लिए लाभकारी है तो इसे कंटिन्यू करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अग्निवीर स्कीम के लक्ष्य उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो रही है तो यह सोचना जरूरी है कि आगे इसमें क्या किया जाए। लेकिन अभी इसके लिए उपयुक्त समय नहीं है। सरकार के गठन तक इस मामले को होल्ड पर रखा जाए। सरकार बनने के बाद हम लोग साथ बैठें और इस (अग्निवीर योजना) पर विचार विमर्श करें।
इससे पहले न्यूज़ चैनल आजतक से बातचीत में जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा था कि जब यह योजना आई थी उस समय भी काफी विरोध हुआ था। अभी चुनाव के समय काफी असंतोष देखने को मिला और और इसका असर चुनाव पर भी दिखा। इसलिए सरकार को अग्निवीर स्कीम पर फिर से सोचने की जरूरत है। सैनिक के रूप में काम कर रहे लोगों के परिवारों में नाराजगी है। बताते चलें कि 2024 के चुनाव में बीजेपी स्पष्ट बहुमत से 32 सीट पीछे रह गई। भाजपा को 240 सीटें मिलीं। ऐसे में बीजेपी के लिए अपने सहयोगी दलों, एलजेपी आर, जेडीयू और अन्य पर निर्भर रहना पड़ेगा। हालत यह है कि बीजेपी को जेडीयू की जरूरत है ना कि जेडीयू के बीजेपी की। मंत्रिमंडल के बंटवारे और बहुमत साबित करने में इसका असर दिखेगा।