कौन हैं IAS अफसर एस सिद्दार्थ, केके पाठक की छुट्टी में नीतीश ने दिया शिक्षा विभाग
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KK Pathak IAS S Sidhharth: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक 28 दिन की लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। उनकी अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ को इसका अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अब लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि आखिर कौन हैं एस सिद्धार्थ, जिन्हें यह अहम जिम्मेदारी दी गई है। तो आपको बता दें कि आईएएस एस सिद्धार्थ वह शख्सियत हैं, जो बेहद पावरफुल होने के बावजूद बहुत ही सादगी से रहते हैं। वह न सुविधाओं के पीछे भागने के बजाए अपने टैलेंट से हर किसी को हैरान करते रहते हैं। आइए जानते हैं एस सिद्धार्थ से जुड़ी कुछ खास बातें।
1991 बैच के आईएएस
डॉक्टर एस सिद्धार्थ बिहार कैडर के 1991 बैच के आईएएस अफसर हैं। वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव हैं। वह उद्योग और सामान्य प्रशासन समेत दूसरे विभागों की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। इसके अलावा एस सिद्धार्थ औरंगाबाद, भोजपुर और मुजफ्फरपुर के डीएम भी रह चुके हैं।
एस सिद्धार्थ और यूनीक वर्किंग स्टाइल के लिए भी जाने जाते हैं। वह बिल्कुल आम आदमी की तरह रहते हैं और हमेशा व्हाइट शर्ट और ब्लैक पैंट में दिखाई देते हैं। उन्हें पटना की सड़कों पर अक्सर अकेले रिक्शे पर सफर करते हुए देखा गया है। वह सड़क किनारे चाट और गोलगप्पे का लुत्फ उठाते देखे गए हैं। इतना ही नहीं, दुकान के सामने फुटपाथ पर बैठकर चाय की चुस्की लेते हुए भी उनकी तस्वीरें सामने आ चुकी हैं।
ट्रेंड पायलट
आईआईटी दिल्ली से इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में पीएचडी कर चुके आईएएस एस सिद्धार्थ की खासियतों की लिस्ट यहीं नहीं खत्म हो पाती। वह एक ट्रेंड पायलट भी हैं। उनका बचपन का सपना एयरक्राफ्ट उड़ाने का था। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जी-जान लगा दिया। अकेले दम पर एयरक्राफ्ट उड़ाने के बाद उन्होंने इस अनुभव को लाजवाब बताया और कहाकि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है।
आईएएस सिद्धार्थ को नेचर से भी काफी लगाव है। उन्होंने पटना में गुलमोहर और अमलताश के खिलने का वीडियो भी बनाया है। इसके अलावा उन्हें रोबोटिक्स इंजीनियरिंग में भी काफी इंट्रेस्ट है। वह एक मल्टीपरपज रोबोट बनाने में लगे हुए हैं। एस सिद्धार्थ के मुताबिक यह रोबोट प्रोग्रामिंग पर चलता है और जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल किया जा सकता है।