समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

BiharNEWS

रेल, सड़क और ग्रामीण विकास: किन-किन मंत्रालयों और चेहरों पर है नीतीश कुमार की नजर, अटल सरकार से क्या कनेक्शन?

IMG 20231027 WA0021

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े 

नरेंद्र मोदी रविवार (9 जून) को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इसकी तैयारियां जोरों पर हैं। एनडीए के सभी घटक दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुन लिया है और राष्ट्रपति के पास नई सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। हालिया चुनावों में 543 सदस्यीय लोकसभा में एनडीए को 293 सीटें मिली हैं। इनमें भाजपा को 240, जबकि टीडीपी को 16 और जेडीयू को 12 सीटें मिली हैं। ये दोनों दल एनडीए के सबसे बड़े घटक दल हैं और इन दोनों पर ही मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दारोमदार टिका है।

माना जा रहा है कि इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए दोनों राजनीतिक दल तैयार हैं और अपनी-अपनी मांगों की लिस्ट पीएम मोदी के सामने रख चुके हैं। सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश कुमार केंद्र सरकार में इस बार तीन कैबिनेट और एक राज्यमंत्री की उम्मीद कर रहे हैं। जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजरें केंद्र सरकार में तीन अहम मंत्रालयों पर टिकी हैं। इनमें रेल, ग्रामीण विकास, कृषि और सड़क-परिवहन मंत्रालय भी शामिल है।

IMG 20240520 WA0068

IMG 20230604 105636 460

चर्चा यह भी है कि अगर नीतीश कुमार को मनमाफिक चार मंत्री पद मिल गए तो जेडीयू कोटे से ललन सिंह, संजय झा,दिनेश चंद्र यादव और कौशलेंद्र कुमार मंत्री बनाए जा सकते हैं। इनमें ललन सिंह भूमिहार, संजय झा ब्राह्मण, दिनेश चंद्र यादव यादव और कौशलेंद्र कुमार कुर्मी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। वैसे चर्चा रामप्रीत मंडल और लवली आनंद की भी है। मंडल ईबीसी हैं, जबकि आनंद राजपूत समुदाय से हैं। नीतीश कुमार का ईबीसी पर जोर रहा है और यह समुदाय उनका बड़ा वोट बैंक रहा है।

IMG 20230728 WA0094 01

1999 से 2004 के बीच जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार थी, तब जेडीयू कोटे से चार मंत्री थे। इनमें से तीन कैबिनेट और एक राज्यमंत्री थे। नीतीश कुमार खुद तब कई मंत्रालयों को संभाल चुके थे। बाद में वह रेल मंत्री रहे थे। जॉर्ज फर्नांडिस तब न सिर्फ एनडीए के संयोजक थे बल्कि वाजपेयी सरकार में रक्षा मंत्री भी थे। इन दोनों के अलावा शरद यादव भी कैबिनेट मंत्री थे। यादव पहले खाद्य उपभोक्ता मामलों के मंत्री फिर बाद में नागरिक उड्डयन मंत्री बनाए गए थे।

Dr Chandramani Roy Flex page 0001 1 1 scaled

इनके अलावा दिग्विजय सिंह वाजपेयी सरकार में रेल राज्यमंत्री थे। हालांकि, तब लोकसभा में जेडीयू के 21 सांसद थे। इस बार पार्टी के सिर्फ 12 सांसद ही जीतकर संसद पहुंचे हैं। वाजपेयी सरकार की तर्ज पर ही जेडीयू इस बार भी केंद्र सरकार में हिस्सेदारी चाहती है और अहम मंत्रालयों पर दावा कर रही है।

दरअसल, अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा कह चुकी है कि नीतीश की ही अहुवाई में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। इसलिए नीतीश कुमार केंद्र में अहम मंत्रालयों के साथ-साथ राज्य को विशेष दर्जा दिलाने और देशभर में जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं। इसके जरिए वह एक तरफ राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़े समुदाय के बड़े नेता बनना चाहते हैं और दूसरा अधिक और मलाईदार मंत्रालय और विशेष दर्जा पाकर राज्य में कुछ नई परियोजनाएं लाना चाहते हैं, ताकि उनकी विकास पुरुष की छवि में और निखार आ सके।

IMG 20230701 WA0080

Half Page Paper Design 25x33 cm 05.06.24 page 0001

IMG 20240414 WA0005

IMG 20240426 WA0004

20201015 075150