नीट परीक्षा के पेपर लीक मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। बिहार में पेपर लीक कराने वाले गैंग का सरगना और जूनियर इंजीनियर सिकंदर कुमार यदुवंशी को लेकर आज बिहार सरकार ने बड़ी जानकारी दी है। बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने मीडिया को बताया है कि इस मामले के सारे तार तेजस्वी यादव के घर से जुड़े हैं। डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के बताया कि समस्तीपुर के बिथान थाना क्षेत्र अंतर्गत पुसहो गांव के रहने वाला सिकंदर कुमार यदुवंशी तेजस्वी यादव के पीएस प्रीतम कुमार का निकट संबंधी है।
तेजस्वी यादव के घर से ही एनएचएआई का गेस्ट हाउस बुक कराया गया था। बता दें कि इसी गेस्ट हाउस में सिकंदर के साले की पत्नी रीना और बेटा अनुराग रूका था। वहीं अनुराग को परीक्षा के एक दिन पहले लीक प्रश्न पत्र दिया गया था और उसके उत्तर रटवाये गये थे। अनुराग समस्तीपुर जिले के हसनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत परिदह गांव का रहने वाला है।
बता दें कि बिहार की आर्थिक अपराध इकाई को इस बात के सबूत मिले हैं की नीट 2024 परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक हुए थे। बिहार के पेपर लीक गिरोह के पास प्रश्न पत्र पहले ही पहुंच गये थे। गिरोह ने कई छात्रों को अपने ठिकाने पर बुलाकार प्रश्न पत्र दिये थे और परीक्षा से पहले वाल रात उन्हें सारे सवालों का उत्तर रटवाया गया था। इस गिरोह का सरगना सिकंदर कुमार यादवेंदु था, जो गिरफ्तार हो चुका है। आर्थिक अपराध इकाई की जांच में ये तथ्य सामने आया है कि सिकंदर ने अपने साले के बेटे के साथ साथ कई और अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र देकर उसका उत्तर रटवाया था।
ईओयू की जांच में ये बात सामने आयी है कि बिहार में कुछ महीने पहले हुए शिक्षक परीक्षा प्रश्नपत्र घोटाले और नीट पेपर लीक मामले को एक ही गिरोह ने अंजाम दिया है, जिसका सरगना सिकंदर कुमार यादवेंदु है। सिकंदर यादवेंदु ने 4 मई को एनएचएआई के गेस्ट हाउस में अपने साले की पत्नी रीना कुमारी और उसके बेटे अनुराग को ठहराया था। पुलिस ने 5 मई को रीना को एनएचएआई के गेस्ट हाउस से ही गिरफ्तार किया था। एनएचएआई गेस्ट हाउस से ईओयू को एक ओएमआर शीट भी मिली थी।
नीट पेपर लीक घोटाले में एऩएचएआई गेस्ट के इस्तेमाल की जानकारी मिलने के बाद खलबली मच गयी है। गेस्ट हाउस के रजिस्टर में रीना के बेटे अनुराग का नाम लिखा है। बगल में लेटर नं-440 और मंत्री जी लिखा हुआ है। ईओयू यह जांच कर रही है कि किसके कहने पर गेस्ट हाऊस में ठहराया गया था। जांच में पता चला है कि उस गेस्ट हाउस में सिर्फ अनुराग यादव ही नहीं बल्कि कई और अभ्यर्थियों को भी बुलाकर प्रश्न पत्र दिया गया था और उत्तर रटवाया गया था।
वैसे, गेस्ट हाउस के एंट्री रजिस्टर में छात्र अनुराग यादव के नाम के आगे ब्रैकेट में ‘मंत्री जी’ लिखा हुआ है। ये खुलासा होने के बाद अब सवाल उठ रहा है कि आखिर सॉल्वर गैंग का मददगार मंत्री कौन है? किसके कहने पर मंत्री ने लेटर लिखा था? लेटर नंबर-440 के सामने आने के बाद सवाल उठ रहा था कि क्या सिकंदर यादुवेंद की पहुंच मंत्री तक है या किसी मंत्री का संरक्षण सॉल्वर गैंग को है?
एनएचएआई गेस्ट हाउस मामले में आज बिहार के डिप्टी सीएम और पथ निर्माण विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दावा किया कि पूरा मामला तेजस्वी यादव से जुड़ा हुआ है। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पेपर लीक घोटाले का किंगपिन सिकंदर कुमार यदुवंशी तेजस्वी यादव के आप्त सचिव प्रीतम कुमार का निकट संबंधी है। उसी ने गेस्ट हाउस बुक कराया था। सारा खेल तेजस्वी यादव के घर से ही खेला जा रहा था। डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि उन्होंने एनएचएआई गेस्ट की बुकिंग की जांच के आदेश दे दिये हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि वे अपने विभाग की पूरी जांच करवा रहे हैं कि कौन-कौन अधिकारी या कर्मचारी तेजस्वी यादव के इशारे पर काम कर रहा है। वैसे तमाम लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी। राजद का पूरा तंत्र अपराध और भ्रष्टाचार पर टिका हुआ है।
बिहार में शिक्षक भर्ती से लेकर नीट पेपर लीक में सिकंदर यादवेंदु किंगपिन यानि सरगना के तौर पर सामने आया है। सिकंदर यादवेंदु जल संसाधन विभाग का जूनियर इंजीनियर है। वो समस्तीपुर जिले के बिथान थाना क्षेत्र अंतर्गत स्व. भुट्टो यादव का पुत्र है। वो एक घोटाले के मामले में जेल भी जा चुका है। पहले रांची में ठेकेदारी का काम करता था। साल 2012 में उसने बिहार SSC परीक्षा पास की और जूनियर इंजीनियर बन गया। सिकंदर 3 करोड़ के एलईडी घोटाले का भी आरोपी है। इसी मामले में वो जेल भी जा चुका है।
सिंकदर यादवेंदु फिलहाल दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर के पद पर तैनात है। नगर परिषद अध्यक्ष ने सिकंदर के कारनामे को देखते हुए सरकार को उसके खिलाफ कड़ा पत्र लिखा था। उसके बाद सिकंदर को दानापुर नगर परिषद से हटा दिया गया लेकिन 10 दिनों के भीतर ही उसकी दोबारा पोस्टिंग वहीं कर दी गयी। घोटाले के आऱोप में जेल जा चुका सिकंदर यादवेंदु का पावर कितना है इसका अंदाजा इस बाते लगाइये कि वह एक साथ चार जगहों पर तैनात था। उसे दानापुर नगर परिषद के साथ साथ मसौढ़ी नगर पंचायत, बुडको और पटना महानगर परियोजना के कनीय अभियंता का प्रभार दिया गया था।
सिकंदर यादवेंदु ने अपने बेटे और बेटी दोनों का दाखिला मेडिकल कॉलेज में कराया था। दोनों एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। सिकंदर का दामाद एमबीबीएस के बाद पीजी कर रहा है। चर्चा ये है कि उसने बिहार के कई वरीय अधिकारियों के बेटे-बेटी का एडमिशन भी मेडिकल कॉलेजों में करवाया था।
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